- जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में मरीज भर्ती

- बीआरडी के एनआईवी सेंटर में ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजा गया

GORAKHPUR: दिल्ली से चिकनगुनिया का एक पेशेंट बुधवार को गोरखपुर पहुंचा। जिला अस्पताल में उसे एडमिट किया गया है। पेशेंट ने दिल्ली में अपनी जांच कराई थी तो जांच में चिकनगुनिया पाया गया है। उसने यहां के डॉक्टर्स को वह रिपोर्ट भी दिखाई है लेकिन फिर से पुष्टि के लिए मरीज का ब्लड सैंपल लेकर बीआरडी के एनआईवी सेंटर को भेजा गया है। जिले में चिकनगुनिया के पेशेंट के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मच गया है।

मची खलबली

गोला एरिया के नगवा प्रेम के रहने वाले 50 वर्षीय मुर्तजा हुसैन दिल्ली में एक सिलाई फैक्ट्री में काम करते हैं। कुछ रोज पहले उन्हें बुखार के साथ जोड़ों का दर्द शुरू हुआ। उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज करवाया। जहां जांच होने के बाद चिकनगुनिया की पुष्टि हुई। लेकिन, चिकनगुनिया की बात सुनकर घर आने की जिद करते हुए वे गोरखपुर आ गए। उनकी हाल देखकर फैमिली मेंबर्स ने उन्हें बुधवार को जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती करवाया। जिला अस्पताल में चिकनगुनिया के पेशेंट के एडमिट होने की जानकारी होते ही हेल्थ डिपार्टमेंट में खलबली मच गई।

स्वास्थ्य विभाग बरत रहा सावधानी

जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में पेशेंट को एडमिट किया गया है। डॉक्टर ने तत्काल इलाज शुरू कर दिया है। दिल्ली की जांच रिपोर्ट पेशेंट के फैमिली मेंबर्स ने डॉक्टर को दिखाया लेकिन पुष्टि के लिए पेशेंट का ब्लड सैंपल लेकर उसे बीआरडी के एनआईवी भेजा गया है। पुष्टि होते ही चिकनगुनिया का उपचार शुरू हो जाएगा।

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यह चिकनगुनिया

चिकनगुनिया एक अर्बोविषाणु है जिसे अल्फाविषाणु परिवार कहते हैं। यह मानव में एडिस मच्छर के काटने होता है। यह विषाणु ठीक उसी लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है जिस प्रकार की स्थिति डेंगू रोग में होती है। यह लम्बे समय तक चलने वाला जोड़ों का रोग है जिसमें दर्द असहनीय हो जाता है। इस रोग का उग्र चरण तो मात्र 2 से 5 दिन के लिए चलता है किंतु जोड़ों का दर्द महीनों या हफ्तों तक तो बना ही रहता है।

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डेंगू का एक और पेशेंट मिला

जिला अस्पताल के पैथॉलोजी की रिपोर्ट में एक और मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है। कैंपियरगंज एरिया के रहने वाले पन्नेलाल के 17 वर्षीय पुत्र बैजनाथ को कुछ रोज पहले तेज बुखार हुआ। वह इधर-उधर इलाज कराता रहा लेकिन ठीक नहीं हो सका। इसके बाद मंगलवार को जिला अस्पताल में डॉक्टर्स से दिखवाया। डेंगू के लक्षण मिलने के बाद एलाइजा टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट आने के बाद डेंगू की पुष्टि हुई। इस समय डेंगू वार्ड में उसका इलाज चल रहा है। पैथॉलोजी में अब तक 126 मरीजों की एलाइजा जांच कराई गई है। जिसमें 21 डेंगू के मरीज मिले हैं। वर्तमान में जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में पांच मरीजों का इलाज चल रहा है।

ये होती हैं दिक्कतें

- बुखार, धड़ और फिर हाथों एवं पैरों में चकत्ते बन जाना।

- शरीर के विभिन्न जोड़ों में पीड़ा होना।

- सिरदर्द, प्रकाश से भय लगना।

- आंखों में पीड़ा, भी होती है।

- बुखार आमतौर पर दो से ज्यादा दिन नहीं चलता और अचानक समाप्त होता है।

ऐसे करें बचाव

- घरों के आस-पास पानी एकत्रित न होने दें।

- चिकनगुनिया रोगी को बिना मच्छरदानी के न रहने दें।

- आस-पास साफ सफाई रखें।

- बुखार होने के बाद डॉक्टर्स से संपर्क करें।

वर्जन

बाहर से एक चिकनगुनिया का मरीज डेंगू वार्ड में एडमिट किया गया है। डॉक्टर्स और हेल्थ एंप्लाइज इलाज कर रहे हैं। अस्पताल में बीमारी से निपटने के लिए सभी दवाइयां उपलब्ध है। मरीज का ब्लड सैंपल बीआरडी के एनआईवी सेंटर में भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

- डॉ। एचआर यादव, एसआईसी