गोरखपुर (ब्यूरो)। चीफ इंजीनियर आशु कालिया के निर्देश पर अधिशासी अभियंता विद्युत परीक्षण खंड अनिल कुमार श्रीवास्तव और एचके उपाध्याय को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। निजी कॉलोनी में पहले लाइन बनी और फिर शिफ्ट कर उतार दी गई, लेकिन सभी जिम्मेदार अज्ञात को इसका दोषी मान रहे हैं। क्षेत्र के अवर अभियंता ने एंटी थेफ्ट थाने में बिजली चोरी का मुकदमा अज्ञात चोरों के खिलाफ दर्ज कराया है।
पहले लेनी होती है एनओसी
सरकारी योजना के काम के तहतर किसी भी निजी कॉलोनी में सरकारी केबल का प्रयोग नहीं कर सकते। इसके लिए निजी कॉलोनी को पहले जीडीए से एनओसी लेना होता है। इकी आधार पर कॉलोनी के पूरे क्षेत्रफल और प्लाटिंग की डिटेल के साथ एक साथ पूरे प्लाटिंग की गणना के हिसाब से कनेक्शन का आवेदन करा होता है। हैवी कनेक्शन लेने में नई लाइन बनाई जाती और ट्रांसफॉर्मर लगता है। ऐसे में करीब 8 से 10 लाख रुपये का खर्चा आ जाता। ये खर्च निजी कॉलोनी वाले को बिजली निगम में जमा करना होता है। लेकिन, जगदीशपुर के निजी कॉलोनी में इनमें से किसी नियम को पालन नहीं किया गया।
बिजली चोरी का मुकदमा
इसके उलट, कॉलोनी में पहले एबीसी केबल की लाइन बना दी गई और ये चार्ज भी कर दी गई। मामला खुलने पर किसी अज्ञात चोर ने केबल उतार कर नंगा तार दौड़ा दिया। मामला उलझा तो वो तार भी चोरी हो गया और जेई ने अज्ञात चोर के खिलाफ एंटी थेफ्ट थाने में बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करवा दिया। अब मामले की एंटी थेफ्ट के साथ बिजली निगम के दो अभियंता भी करेंगे। निजी कॉलोनी में सरकारी केबल से सप्लाई दी जाने के मामले में एमडी ऑफिस भी नजर बनाए हुए है। चीफ इंजीनियर आशु कालिया ने बताया कि मामले में जांच बैठा दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए शीर्ष अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।