- अब भी आधा दर्जन बच्चे व युवा चेचक से पीडि़त

- स्वास्थ्य टीम ने संभाला मोर्चा, जांच के बाद दी दवाए

- पीडि़तों को बचाने के लिए दवा के साथ ही पूजा-पाठ कर रहे घर वाले

GAGHA: गगहा क्षेत्र के गड़ही में चेचक का दहशत इस कदर फैला है कि गांव के लोग 'धरती के भगवान' से लेकर आसमां के भगवान तक गुहार लगा रहे हैं। पीडि़त परिजनों को बचाने के लिए परिवार के लोग मंदिरों पर कड़ाही चढ़ा रहे हैं। हाल ही में दो भाइयों की चेचक से मौत से गांव के लोग कांप गए हैं। अब भी आधा दर्जन बच्चे और युवा चेचक से पीडि़त हैं। राहत की बात यह है कि सो रहा स्वास्थ्य विभाग अब जग चुका है और पीडि़तों को दवा उपलब्ध कराई जा रही है।

चल बसे दोनों भाई

गड़ही गांव में चेचक का प्रकोप अप्रैल में ही शुरू हो गया था। लोगों ने सोचा कि पूजा-पाठ से ही सब ठीक हो जाएगा तो स्वास्थ्य विभाग भी सोता रहा। गांव के बलदेव मौर्या को दो बेटे और एक बेटी थी। अब बस बेटी ही बची है। 11वीं में पढ़ने वाले बेटे शिव (17) चेचक की चपेट में आ गया। घर में पूजा-पाठ चलता रहा। हालत बिगड़ने पर परिजन अस्पताल भी ले गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मेडिकल कॉलेज में 22 मई को शिव की मौत हो गई। वहीं 8वीं में पढ़ने वाला दूसरा बेटा अनूप (14) भी चेचक की चपेट में आ गया।

दूसरे बेटे की भी मौत

पहले बेटे को खोने का दुख अभी कम नहीं हुआ कि मेडिकल कॉलेज में ही 7 जून को दूसरे बेटे अनूप ने भी दम तोड़ दिया। इससे परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूट ही पड़ा, गांव में दहशत का माहौल पसर गया। अब तक विभाग के अधिकारियों ने गांव में कदम नहीं डाला था। दो-दो मौतों के बाद अधिकारियों की चेतना जागी और हेल्थ टीम गांव पहुंची। अब भी गांव के वीरेन्द्र मौर्या, दिलीप विश्वकर्मा, राम, अनुज पीडि़त हैं। वहीं पास स्थित हरिजन बस्ती के भी कई बच्चे चेचक की चपेट में आ गए हैं। शुरुआत में ही दवा शुरू होने से कुछ सुधार होने लगा है।

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'वे मर गए, मैं कुछ न कर सका'

बलदेव कुछ पूछते ही रो पड़ते हैं। बताया कि दोनों ही बेटे उनके सामने दम तोड़ दिए और वे कुछ नहीं कर सके। पहले बच्चों के शरीर पर फफोले पड़े। शरीर सूजने लगा। पूजा-पाठ से लेकर मेडिकल कॉलेज में इलाज तक कराया लेकिन कहीं उनकी फरियाद नहीं सुनी गई। काश कि अधिकारी पहले ही गंभीर हुए होते और टीम ने शुरुआती दौर में ही गांव में जांच व इलाज शुरू कर दी होती तो आज उनके भी बेटे जीवित होते।

मामला मेरे संज्ञान में आया लेकिन तब तक दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। जानकारी मिलते ही मेरी पूरी टीम मौके पर पहुंची। सभी पीडि़तों को दवा मुहैया कराई जा रही है। लोगों को साफ-सफाई का सलाह दिया गया है। अभी स्थिति नियंत्रण में है।

- डॉ। आशुतोष राय, प्रभारी, गगहा स्वास्थ्य केन्द्र