- शौक में बदमाशों को न्यौता देता रहा धनेष पहलवान
- मऊ में रेकी करने के बाद घर में आकर छिपे थे बदमाश
GORAKHPUR: उरुवा एरिया में नकौझा में मुठभेड़ के दूसरे दिन भी बदमाशों की तलाश होती रही। मौका ए वारदात देखने के लिए पब्लिक पहुंची। पकड़े गए बदमाशों से उरुवा थाना पर रात भर पूछताछ हुई। जांच में मालूम हुआ कि अमरजीत का रिश्तेदार धनेष उर्फ पहलवान बदमाशों को शौकियां संरक्षण देता था। उसके घर में दो तीन दिन तक रहकर बदमाश रेकी करने जाते थे। मऊ में रेकी करने के बाद बदमाश अगले टारगेट की तलाश में छिपे थे। गैंग के खास मेंबर्स विजय के एनकाउंटर और अन्य साथियों के पकड़े जाने से चंदन मायूस हो गया है। जेल में बंद चंदन सिंह की बेचैनी की खबर पुलिस को मिली।
गुड्डू के साथ बचे बदमाशों की तलाश
उरुवा एरिया के कनौझा में सैटर्डे दोपहर चंदन गैंग के बदमाशों और एसटीएफ के बीच मुठभेड़ हुई। घेराबंदी के दौरान विजय और उसके साथ मोनू ने पुलिस पर गोलियां दागी। जवाबी कार्रवाई में विजय को गोली लगी। हास्पिटल में उसकी मौत हो गई। एसटीएफ ने बड़हलगंज के भरौली निवासी मोनू दुबे, उरुवा एरिया के टड़वाश्रीराम निवासी धनेष उर्फ पहलवान, मेहदीपुर निवासी राजू यादव को अरेस्ट कर लिया। खलीलाबाद का गुड्डू कटाई फरार हो गया। सैटर्डे नाइट पूछताछ के बाद एसटीएफ ने कई जगहों पर दबिश दी। गुड्डू कटाई से जुड़े लोगों पर नजर रखी जा रही है।
सोती रही उरुवा पुलिस
धनेष उर्फ पहलवान के घर में बदमाश करीब एक माह से शरण ले रहे थे। एसटीएफ का कहना है कि सिटी में चंदन गैंग पर शिकंजा कस गया। इसलिए बदमाशों ने दियारा के क्षेत्र को चुना। जेल में बंद अमरजीत के रिश्तेदार धनेष का बदमाशों से संबंध था। वह शौकिया बदमाशों के साथ रहने लगा। सेफ जोन देखकर विजय, मोनू और गुड्डू ने उसके घर को अपना ठिकाना बना लिया। बाइक पर सपा नेता का बोर्ड लगा होने से पुलिस ने कभी घेराबंदी नहीं की। क्षेत्र के जिन चौराहों पर बदमाश बैठते थे। वहां की दुकानें संडे को बंद रहीं। बदमाशों के परिचित मोबाइल आफ करके गायब हो गए हैं।
जेल में मायूस हुआ चंदन
एसटीएफ का कहना है कि विजय के एनकाउंटर, अन्य साथियों के पकड़े जाने से चंदन सिंह मायूस हो गया है। गैंग पर शिकंजा कसने से चंदन का हुक्का पानी मुश्किल हो जाएगा। जांच में सामने आया कि जेल में बंद अमरजीत, चंदन सिंह गैंग के बदमाशों के इशारे पर काम होता था। अलग- अलग तरह के स्पेशल कोड का इस्तेमाल टारगेट चुनने के लिए किया जाता था। मोबाइल सर्विलांस से पकड़े जाने का खतरा था। इसलिए तीन चार चैनल पर बात की जाती थी।
मऊ, बलिया का हार्डकोर बदमाश है मोनू
मुठभेड़ में पकड़ा गया मोनू भी हार्डकोर क्रिमिनल निकला। मऊ और बलिया में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, लूट, आर्म्स एक्ट, जालसाजी सहित कई मामले दर्ज हैं। ख्0क्0 में मोनू के खिलाफ मऊ जिले के मधुबन थाना में लूट और लूट के माल के साथ पकड़े जाने का मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद मधुबन, हलधर, घोसी, सराय लखन्सी, बलिया जिले के सिकंदरपुर ओर रसड़ा जिले में मुकदमा दर्ज हैं। मऊ, गाजीपुर और बलिया की पुलिस ने भी तीनों से पूछताछ की। अंबेडकरनगर जिले से क्राइम ब्रांच भी जांच पड़ताल के लिए पहुंची।
विजय के पोस्टमार्टम की हुई वीडियोग्राफी
सहजनवां एरिया के पुंडा निवासी विजय के फैमिली मेंबर्स को पुलिस तलाश कर लाई। नायब तहसीलदार दयाराम चौधरी, सीओ एसएन सिंह की मौजूदगी में कोतवाली पुलिस ने पंचनामा भरा। क्ब् पन्नों में कानूनी औपचारिकता पूरी करके देर शाम विजय की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया गया। दो डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। पोस्टमार्टम के बाद विजय के पिता रामनाथ से सुपर्दगीनामा भराया गया। पुलिस का कहना है कि वह खामोश रहकर कार्रवाई देखते रहे।
फरार बदमाशों की तलाश में टीम लगी है। पकड़े गए तीनों बदमाशों से कई जानकारियां मिलीं। जेल में बंद चंदन सिंह की बेचैनी बढ़ गई है।
विकास चंद, सीओ एसटीएफ, गोरखपुर यूनिट