- प्रधानी की तैयारी में चंदन, करीबियों ने संभाला मोर्चा

- 14 साल पहले चुनावी रंजिश से सुर्खियों में आया फुलवरिया

JANGAL KAUDIYA: पीपीगंज के फुलवरिया में खूनी बवाल की आशंका लोगों को डरा रही है। 14 साल पहले दो पक्षों के बीच पनपी चुनावी रंजिश में पांच की बलि चढ़ चुकी है। जेल में बंद शातिर चंदन सिंह ने पंचायत चुनाव में रुचि ली है। वह प्रधान बनने की तैयारी में जुट गया है। क्षेत्र पंचायत चुनाव में उसके सहयोगियों की सक्रियता ने माथे पर बल ला दिया है। हालांकि पुलिस ने दावा किया हर शातिर पर पैनी नजर है।

नहीं बुझी अदावत की चिंगारी

चार मार्च 2001 का दिन जंगल कौडि़या के लोग भूल नहीं हैं। ब्लॉक प्रमुख का चुनाव चल रहा था। इस दौरान हुए विवाद में मनबढ़ों ने गोलियां दागी। हमले में फुलवरिया के देवनाथ उर्फ गुड्डू यादव की मौत हो गई। देवनाथ पक्ष के लोगों ने फुलवरिया के प्रह्लाद सिंह को जिम्मेदार माना। हत्या का बदला लेने के लिए बेलघाट गांव के बाजार में उनको गोली मार दी। सरेआम हुई हत्या से सनसनी फैल गई। पुलिस ने आरोपियों पर शिकंजा कसा लेकिन अदावत चिंगारी नहीं बुझी। प्रह्लाद मर्डर के बदले में उनके पक्ष के लोगों ने 26 दिसंबर 2004 को राम प्रताप की कुदाल से काटा डाला। इसके बाद दोनों पक्षों में छिड़ी जंग में फिर दो लोगों की जान गई। हत्या से बौखलाए लोगों ने 20 दिसंबर 2005 को लक्ष्मण सिंह और उमेश सिंह को गोली मार दी। दोनों की मौके पर मौत हो गई। इसके प्रतिशोध में उसी दिन गांव की सुभावती की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के दबाव से दोनों पक्ष शांत हो गए। करीब 10 साल बाद क्षेत्र पंचायत चुनाव में दोनों के बीच गुटबाजी और तनातनी से टकराहट का अंदेशा बढ़ गया है।

मामूली विवाद में निकले थे असलहे

फुलवरिया के प्रधान मुक्तिनाथ की भाभी क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। उसकी वार्ड से चंदन के करीबी सोनू सिंह की भाभी चुनाव लड़ रही हैं। पोलिंग स्टेशन पर वोट डालने को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था। गांव के लोगों का कहना है कि एक पक्ष ने पोलिंग सेंटर पर ही असलहा निकाल लिया। इसके बाद विरोधी गुट के लोग मतदान करने नहीं गए। इससे पूरे गांव में दहशत फैल गई। कहा जा रहा है कि सोनू सिंह अपने करीबी को प्रधान पद का उम्मीदवार बनाने वाला है। अनुसूचित जाति के लिए सीट रिजर्व होने से वह खुद इलेक्शन नहीं लड़ सकता।

चन्दन सिंह गिरोह से जुड़े लोगों ने बढ़ाई सक्रियता

सोनू सिंह के इलेक्शन में सक्रिय होने पर चंदन सिंह से जुड़े युवकों की सक्रियता बढ़ गई है। उसके गुट से जुड़े कई संदिग्ध भी गांव में नजर आते हैं। हत्या के एक मामले में सोनू को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर वह गांव आया है। सोनू के गांव लौटने और प्रधानी चुनाव में सक्रिय होने से माहौल गरम हो गया है।

दोनो गुटों के प्रतिशोध मे आधा दर्जन की बलि

देवनाथ उर्फ गुड्डू यादव 4 मार्च 2001

प्राह्लाद सिंह 25 अप्रैल 2001

राम प्रताप पांडेय 26 दिसंबर 2004

उमेश सिंह 20 दिसंबर 2005

लक्ष्मण सिंह 20 दिसंबर 2005

सुभावती देवी 20 दिसंबर 2005

ब्लॉक प्रमुख की दावेदारी में डिस्को

असलहा तस्करी के आरोप में कई बार जेल जा चुका डिस्को तिवारी उर्फ धीरेंद्र मोहन प्रमुख बनने की जुगत में है। इसलिए उसने क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनाव में अपने अलग- अलग समर्थकों को मैदान में उतारा है। खुद जंगल कौडि़या ब्लॉक के वार्ड नंबर 74 से चुनाव लड़ रहा है। एक नवंबर को मतगणना के बाद मालूम होगा कि तकदीर उसका कितना साथ दे रही।

होर्डिग्स में शुभकामनाएं दे रहा चंदन

क्षेत्र पंचायत जंगल कौडि़या से सदस्य रहे चंदन सिंह ने प्रधान की तैयारी कर दी है। वह कुशहरा गांव से प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए जेल से बिसात बिछा रहा है। क्षेत्र के मजनू चौराहे पर चंदन सिंह की होर्डिग्स लोगों को चौका रही है। चंदन से जुड़े लोगों ने कोशिश शुरू कर दी है कि वह निर्विरोध प्रधान चुना जा सके।

पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस अलर्ट है। आपराधिक छवि के लोगों पर नजर रखी जा रही है। डिस्को तिवारी को पहले हिदायत दी जा चुकी है। किसी तरह की गड़बड़ी या बवाल होने पर कार्रवाई तय है। चंदन के सहयोगियों की सक्रियता की जांच कराई जाएगी। दहशत फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण