गोरखपुर (ब्यूरो).मानसिक स्वास्थ को लेकर हेल्थ महकमा बेसहारा बच्चों के ठिकानों का इन दिनों सर्वे कर रहा है। तीन शेल्टर होम की जांच हुई है, जिसमें रहने वाले अधिकांश बच्चों की मानसिक स्थिति बेहद खराब पाई गई है। 50 से अधिक बच्चे सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इतना ही नहीं इन बच्चों का आईक्यू लेवल न के बराबर पाया गया है। अब जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग ने इन बीमार बच्चों का इलाज शुरू किया है। जल्द ही जिले के पांच और शेल्टर होम में बच्चों के मानसिक स्थिति का पता लगाएगा।
आठ शेल्टर में रहते हैं 260 बच्चे
जिले भर में आठ शेल्टर होम चलाए जा रहे हैं। 0-5, 5-10 और 10-18 वर्ष के 260 बालक व किशोर रहते हैं। कोरोना महामारी के बाद इन बच्चों की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए प्रशासन ने हेल्थ डिपार्टमेंट से संपर्क साधा। लिहाजा, हेल्थ डिपार्टमेंट की अलग-अलग टीमें तीन शेल्टर होम गईं। जांच में पता चला कि 50 से ज्यादा बच्चे सेरेब्रल पाल्सी से ग्रस्त हैं। जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ। अमित शाही ने बताया कि ज्यादातर बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी के गंभीर लक्षण पाए गए। इन्हें अब सेरेब्रल थेरेपी देने का काम शुरू किया गया है। इससे कुछ हद मानसिक स्तर को ठीक किया जा सकेगा।
जन्मजात बीमारी है सेरेब्रल पाल्सी
सेरेब्रल पाल्सी बेहद गंभीर और जन्मजात बीमारी है। इस बीमारी में बच्चे का मानसिक स्तर (आईक्यू लेवल) शून्य हो जाता है। इसे दिमाग का लकवा भी कहते हैं। सुनने, समझने में भी दिक्कत होती है। इलाज, बच्चे की सही तरीके से देखभाल और अच्छी बातें बताया जाना, काफी हद तक इन्हें सही कर सकता है।
संस्थान का नाम बच्चे
राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर 129
राजकीय महिला शरणालय 05
प्रतीक्षा बालिका आश्रम गृह 28
स्नेहालय खुला आश्रम गृह 19
एशियन सहयोगी संस्था, बाल गृह शिशु 16
प्रोविडेंस होम शिशु गृह 26
प्रोविडेंस होम बालिक गृह 15
आसरा विशेष स्कूल विशेष गृह 22
ये हैं लक्षण
- सामान्य बच्चों के मुकाबले विकास कम और देर से होना।
- शरीर में अकडऩ व बच्चे को गोद में लेने पर अकडऩ बढऩा
- जन्म के तीन महीने के बाद भी गर्दन न टिका पाना।
- जन्म के आठ महीने बाद भी बिना सहारे बैठ नहीं पाना।
सेरेब्रल पाल्सी के प्रकार
माइल्ड-बच्चे का आईक्यू 55-69 होता है। उसे पढ़ाई के लिए स्कूल भेजा जा सकता है।
मॉडरेट-बच्चे का आईक्यू 40-54 होता है।
सिवियर-बच्चे का आईक्यू 25-39 होता है।
प्रोफाउंड-बच्चे का आईक्यू 0-24 तक होता है। बच्चा अधिक सोता है।
यह है बीमारी का कारण
समय से पहले प्रसव
जन्म के समय मस्तिष्क मे गंदा पानी चला जाना
बच्चे का शारीरिक विकास ठीक तरह से न होना
शेल्टर होम में रहने वाले बच्चों की जांच की जा रही है। 50 से अधिक बच्चे सेरेब्रल पाल्सी नाम की गंभीर बीमारी से ग्रसित मिले हैं। इन बच्चों की सेरेब्रल थेरेपी शुरू कर दी गई है। कई बच्चों की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं मिली है। इन सबका ट्रीटमेंट शुरू कर दिया गया है।
- डॉ। अमित शाही, मनोचिकित्सक जिला अस्पताल