-अधिकारियों की कार्यवाही से खौफ में व्यापारी

-व्यापारी अधिकारियों पर लगा लगा रहे उत्पीड़न का आरोप

GORAKHPUR:

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के एसआईबी टीम की ओर से व्यापारिक फर्मो पर डाले जा रहे छापों पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। बड़ी संख्या में जांच के लिए पहुंच रहे अधिकारियों की टीम पर व्यापारियों ने खौफ फैलाने, अभद्र भाषा और अवैध वसूली का आरोप लगाया है। व्यापारियों का कहना है कि टैक्स चोरी का आरोप लगाकर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। अधिकारियों पर यही आरोप लगाते हुए शुक्रवार को व्यापारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनसे कार्रवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में अधिकारियों के खिलाफ आरोपों के बारे में साक्ष्य पेश करने का भी दावा किया है।

व्यापारी शरद खंडेलवाल ने बताया कि 16 जनवरी को अचानक वाणिज्य विभाग की एसआईबी टीम मेरे व्यापार स्थल पर पहुंची और एक व्यापारिक फर्म के बारे में पूछा कि आप इसे जानते हैं, मैंने इंकार कर दिया। उसके बाद मेरे दुकान के सभी 180 प्रोडक्ट का वजन करा कर टीम ने एक सूची तैयार की और फर्म के सभी पेपरों की भी जांच की। टीम ने मुझसे कई सारे पेपर पर साइन कराए जिनमें एक पर यह भी लिखा था कि मैं बिक्री नहीं कर सकता हूं। साथ ही वह मेरे कम्प्यूटर का सीपीयू भी उठा ले गए।

20 लाख रु मांगने का आरोप

शरद ने बताया कि सीपीयू लेने के लिए जब मैं ऑफिस पहुंचा तो मुझसे 20 लाख रुपए के चेक की मांग की गई। मैंने कारण पूछा तो कहा गया कि अच्छा 15 लाख का ही चेक दे दो तुम्हारा सीपीयू वापस कर दिया जाएगा। इसके बाद चैम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानियां के नेतृत्व में हम मेयर सीताराम जायसवाल के पास पहुंचे तो उन्होंने अधिकारियों से बात की। इसके बाद मैंने टैक्स के तौर पर 219000 रु जमा किए। इसके बाद सीपीयू वापस मिला।

हम लोग क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यापारी हैं। ऑफिस में ही आकर अधिकारी पूरे स्टॉफ के सामने हमसे असभ्य भाषा में बात करते हैं।

राजेन्द्र जायसवाल, बिजनेस मैन

विभाग की ओर से किसी भी तरह की जांच का स्वागत है। दोषी व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाई होने से हमें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अकारण व्यापारियों का उत्पीड़न होगा तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे।

संजय सिंघानियां, अध्यक्ष

चैम्बर ऑफ कामर्स

व्यापारियों से जो टैक्स लिया जाता है। उसे बाद मीडिया में जारी कर दिया जाता है। सीपीयू व्यापारीक लेखों की जांच के लिए लिया गया था जिसे अगले दिन सौंप दिया गया।

ओपी सिंह

अपर आयुक्त ग्रेड-2