- होली व विधानसभा चुनाव नतीजों की तारीख आसपास होने से बढ़ा रंगों का कारोबार

- रंग कारोबारियों ने जुटाया स्टॉक, अभी से प्रत्याशियों के समर्थक दे रहे ऑर्डर

फैक्ट

-हर साल होती है डेढ़ क्विंटल रंगों की बिक्री

-2012 में चुनाव नजदीक होने से बिके थे 300 क्विंटल रंग

-इस साल 500 क्विंटल रंग बिकने का अनुमान

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GORAKHPUR: मार्च का महीना शुरू होते ही घरों से लेकर मार्केट में होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। लेकिन इस बार की होली कुछ खास ही होने वाली है। त्योहार के साथ ही विधानसभा चुनाव नतीजों की तारीख पड़ने के चलते कलर मार्केट में अभी से रौनक आ गई है। 11 मार्च को चुनाव रिजल्ट और 13 मार्च को होली पड़ने से रंग व्यापारियों को पूरी उम्मीद है कि रंग-गुलाल की बिक्री पिछले वर्षो के मुकाबले कई गुना बढ़ने वाली है। व्यापारियों की मानें तो कई प्रत्याशियों के समर्थकों ने तो अभी से रंग-गुलाल का थोक ऑर्डर देना भी शुरू कर दिया है।

होली संग मनेगा जीत का जश्न

गोरखपुर जिले की बात करें तो यहां नौ विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में 11 मार्च को इनके नतीजे आने के बाद जीते हुए प्रत्याशियों के साथ उनके परिवार और समर्थक जमकर जश्न मनाएंगे। दो दिन बाद ही होली होने के चलते रंगों की मस्ती में डूबे लोग अबीर और गुलाल भी जमकर उड़ाएंगे। ऐसे में इस बार रंग-गुलाल के कारोबारियों की चांदी होने वाली है।

टूटेगा मार्केट का रिकॉर्ड

शहर में रंग कारोबार से जुड़े करीब दो दर्जन से अधिक होलसेल कारोबारी हैं। व्यापारियों के मुताबिक हर साल होली पर प्रति दुकान करीब ढाई से तीन लाख रुपए की बिक्री होती है। इस हिसाब से पूरे शहर में करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए के रंग का कारोबार होता है। व्यापारियों ने बताया कि पांच साल पहले तक यहां करीब 100-150 क्विंटल रंग-गुलाल बिकता था। लेकिन साल 2012 में विधानसभा चुनाव होली के आसपास हुआ तो ये बिक्री 300 क्विंटल से अधिक पहुंच गई थी। इसे देखते हुए ही इस बार रंग कारोबारी काफी खुश नजर आ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि मार्केट में इस बार अभी से स्टॉक जमा किए जा रहे हैं। व्यापारियों को उम्मीद है कि चुनाव का रिजल्ट होली के पास होने से इस बार रंग का कारोबार डबल भी हो सकता है। जिसमें हर्बल रंग-गुलाल ही अधिक मंगाए जा रहे हैं। इसके अलावा सेंटेड अबीर के साथ केसरिया व आरारोट अबीर भी डिमांड देखते हुए मंगाया जा रहा है।

कई शहरों से आ रहा माल

व्यापारियों के मुताबिक रंग और गुलाल का करीब 80 प्रतिशत माल वाराणसी, लखनऊ व कानपुर आदि शहरों से आता है। इसके अलावा यहां भी करीब 20 प्रतिशत माल तैयार किया जाता है। वैसे उसकी क्वालिटी उतनी बेहतर नहीं होती है। लेकिन इस बार रंग-गुलाल की बढ़ती डिमांड को देखते हुए व्यापारियों ने पहले से अधिक और कुछ खास तरह का स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया है।

होलसेल मार्केट में तेजी

गोरखपुर सहित आसपास के जिलों के फुटकर रंग व्यापारी होली से अमूमन 15 से 20 दिन पहले माल ले जाते हैं। लेकिन इस बार फरवरी के पहले हफ्ते से ही इन लोगों ने माल ले जाना शुरू कर दिया है। व्यापारियों के मुताबिक चुनाव रिजल्ट होली के साथ पड़ने के चलते इस बार बाजार में अभी से स्टॉक आ गया है। व्यापारियों ने बताया कि कई विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने तो अभी से ऑर्डर दे रखा है। उन लोगों को पूरी उम्मीद है कि चुनाव वही जीतने वाले हैं। इसके चलते अभी से कई व्यापारियों के पास अबीर और गुलाल का थोक ऑर्डर आने लगा है।

कोट्स

होली के ठीक पहले चुनाव रिजल्ट आएगा। जाहिर है कि जीते हुए प्रत्याशी व उनके समर्थकों के लिए दोहरे जश्न का माहौल रहेगा। इसे देखते हुए रंग, अबीर व गुलाल के स्टॉक तैयार किए जा रहे हैं। इस बार होलसेल मार्केट भी काफी पहले तेज हो गई है। फुटकर व्यापारी पहले से अधिक माल खरीद रहे हैं।

- शेखर चंद, होलसेल रंग व्यापारी

इस बार चुनाव रिजल्ट के ठीक बाद होली पड़ने से कलर मार्केट में उछाल की उम्मीद है। इसे देखते हुए बेहतर व अधिक रंग-गुलाल का स्टॉक जमा किया जा रहा है। रंग के कारोबार पर अभी कोई खास असर नहीं है, लेकिन अबीर-गुलाल की डिमांड काफी बढ़ी है।

- विजय कुमार, होलसेल रंग व्यापारी