- बसों में हो रही अपराधिक घटनाओं पर राज्य परिवहन निगम सख्त

- एक साल पहले बसों में लगाए जाने थे सीसीटीवी कैमरे

- आदेश के बाद भी नहीं लगा सीसीटीवी कैमरा

GORAKHPUR : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों में यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने का फरमान जारी किया था। एक साल बीत जाने के बावजूद योजना अभी परवान नहीं चढ़ सकी है। बसों में हो रही लूटपाट, जहरखुरानी और अवैध रूम से सामान लाने-ले जाने की घटनाएं इधर तेजी से बढ़ी है। फिर भी रोडवेज आंख मूंदे बैठा है। गोरखपुर रोडवेज और अनुबंधित बसों को मिलाकर कुल 545 बसें नियमित रूप से चलाई जा रही है।

यात्री नहीं हैं सुरक्षित

रोडवेज की बसों में यात्रा करना खतरे से खेलने जैसा हो गया है। हाल के दिनों में बढ़ी जहरखुरानी की घटनाएं यही दर्शाती हैं। छह माह पहले रोडवेज बस में सवार हो कर एक शादी समारोह में सोनौली जा रहे थे। इस दौरान लुटेरों ने उनका बैग फाड़कर उसमें से नकदी और जेवरात उड़ा दिए थे। कु0 कैंट थाने में इस तरह के कई मामले दर्ज हैं। हाल ही में गोरखपुर-दिल्ली जाने वाली बस के पीछे वाली सीट पर 180 किलो सिक्के बरामद हुए थे, लेकिन उसके मालिक का पता नहीं चला।

नहीं फॉलो हो रहे टिप्स

परिवहन निगम ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए रोडवेज कर्मचारियों को सभ्यता के गुरू सिखाए थे। इलेक्ट्रानिक टिकटिंग मशीन के माध्यम से हर सीट पर पहुंच कर उनका टिकट बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी, लेकिन आये दिन कर्मचारियों के यात्री से दु‌र्व्यवहार करने की शिकायतें आती रहती हैं।

सभी रोडवेज बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। मुख्यालय की ओर से बजट नहीं आया है। बजट मिलने के बाद जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे।

महेश चंद, एआरएम रोडवेज