- सीसीटीवी कैमरे के जरिए मुख्यालय से होनी थी आरटीओ की गतिविधियों की निगरानी
- आरटीओ में कैमरे तो लगा दिए लेकिन दलाली व वसूली वाले सभी कैश काउंटर्स को बचा ले गए
GORAKHPUR: तू डाल-डाल तो मैं पात-पात। कुछ इसी तरह का खेल इन दिनों आरटीओ अपने ही मुख्यालय के साथ खेल रहा है। आरटीओ में दलाली और घुसखोरी को रोकने के लिए मुख्यालय की ओर से लाखों रुपए खर्च कर सीसीटीवी कैमरे दिए गए। इन्हें ऐसी जगह लगाना था, जिससे बाबुओं से लेकर कार्यालय के पूरे कामकाज मुख्यालय की निगरानी में रहे। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के निर्देश पर आरटीओ में कैमरे तो लगा दिए गए लेकिन इस चालाकी के साथ कि उसमें बाबुओं का कामकाज न दिखे। भ्रष्टाचार रोकने के लिए आए कैमरे, उसी का शिकार हो गए।
कैमरों में दिख रही सिर्फ पब्लिक
मुख्यालय की ओर से जारी निर्देश में साफ तौर कहा गया है कि आरटीओ में लगने वाले सभी कैमरे ऐसी जगह लगाए जाएं जहां से कर्मचारियों व यहां होने वाली सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। लेकिन आरटीओ अधिकारियों की कारस्तानी से ऐसा नहीं हुआ। यह सभी कैमरे इस तरह से लगाए गए हैं, जिससे यदि अवैध वसूली हो तो वह कैमरे में कैप्चर नहीं हो सकेगा। काउंटर पर लगाए गए कैमरों में सिर्फ पब्लिक दिखती है, बाबू उसमें नजर नहीं आते।
जारी रहेगी वसूली
आरटीओ सूत्रों के मुताबिक कैमरों का लगाने का उद्देश्य यहां होने वाली दलाली व अवैध वसूली पर अंकुश लगाना था, लेकिन ये कैमरे जिस तरह से लगाए गए हैं, उस कारण ये किसी काम के नहीं हैं। यदि मुख्यालय इन कैमरों की नजर से कुछ देखना भी चाहेगा तो उसे सिर्फ यहां पब्लिक ही नजर आएगी। न तो काम करते, न आराम करते और न ही घूस लेते बाबू नजर आएंगे।
जीपीएस से जोड़ना है
इन सीसीटीवी कैमरों को इंस्टाल करने के बाद इसे जीपीएस के जरिए लखनऊ मुख्यालय से जोड़ना है। ताकि मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से इसकी मानीटरिंग की जा सके। लेकिन इन कैमरों को ऐसी चालाकी से लगवाया गया है कि पब्लिक और आरटीओ कैंपस तो दिखेगा, लेकिन यहां होने वाली वसूली और गड़बड़झाला पकड़ में नहीं आएगा।
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टेस्ट रूम पर रहेगी निगाह
यूं तो आरटीओ में कैमरे की आंख से सबकुछ बचाने की कोशिश की गई है लेकिन 6 कैमरों में से दो सही जगह पर लगे हैं। इस कारण लर्निग डीएल के टेस्ट रूम में और कम्यूटर सर्वर रूम की निगरानी सीधे मुख्यालय से हो सकेगी। हालांकि आरटीओ सूत्रों के मुताबिक इन दोनों जगहों पर न तो किसी तरह की दलाली हो सकती है और न ही गड़बड़झाला इसलिए यहां मानक के अनुरुप कैमरे लगा दिए गए हैं।
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यहां लगने थे कैमरे
- ड्राइविंग लाइसेंस काउंटर पर।
- रजिस्ट्रेशन काउंटर पर।
- डीएल एग्जाम टेस्ट रूम में।
- एग्जाम देने आए अप्लीकेंट्स के वेटिंग रूम में।
- कम्यूटर सर्वर रूम में।
- आरटीओ का सेंसेटीव एरिया (जहां वसूली होती है.)
यहां लगा दिए
- टेस्ट रूम
- बायोमीट्रिक रूम
- सर्वर रूम
- रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर बरामदे में
- बायोमीट्रिक रूम के बाहर कैंपस में
- आरटीओ रूम के बाहर बरामदे में
वर्जन
प्रदेश के सभी जिलों के आरटीओ को मुख्यालय की ओर से निर्धारित जगहों पर ही सीवीटीसी कैमरे लगवाने का निर्देश दिया गया है जिससे आरटीओ के कार्यप्रणाली की पारदर्शिता बनी रहे। अगर निर्धारित जगहों पर कैमरे इंस्टाल नहीं कराए गए हैं तो इसके लिए आरटीओ से जवाब मांगा जाएगा।
- के रविंद्रनायक, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, यूपी