गोरखपुर (ब्यूरो)।बोर्ड का कहना है कि अगर स्टूडेंट ने पांच से ज्यादा विषय लिए हैं तो ये इंस्टीट्यूट या इंप्लॉयर के ऊपर है कि वे कौन से पांच सब्जेक्ट्स को बेस्ट मानते हैं। सीबीएसई अपनी तरफ से ओवरऑल डिवीजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट परसेंटेज नहीं देगा। इस बार स्टूडेंट के क्या परसेंटेज आए हैं, किन विषयों में डिस्टिंक्शन है और उसकी क्या डिवीजन है, ये सब रिजल्ट में नहीं होगा।
मेरिट लिस्ट पहले ही बंद
इसके पहले सीबीएसई मेरिट लिस्ट रिलीज करना भी बंद कर चुका है। अब बोर्ड ने कई सवालों के जवाब में ये नोटिस जारी किया है जिसमें लोगों ने एग्रीगेट अंकों और डिवीजन के बारे में पूछा था। बोर्ड ने कहा है कि उनकी तरफ से न तो कुल अंकों का योग दिया जाएगा और न ही डिवीजन मेंशन की जाएगी। इतना ही नहीं डिस्टिंक्शन के बारे में भी बोर्ड कोई जानकारी नहीं देगा।
कंपनी या संस्थान खुद लें निर्णय
इस कंडीशन में अगर किसी संस्थान को या किसी कंपनी को सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट के रिजल्ट को परखना है तो वो अपने हिसाब से पांच या उससे ज्यादा विषयों को देखकर फैसला कर सकते हैं। अगर स्टूडेंट ने पांच से अधिक सब्जेक्ट लिए हैं तो उसकी कंपनी या संस्थान तय करे कि उन्हें किन पांच विषयों को बेस्ट सब्जेक्ट में गिनना है।
बोर्ड ने 30 नवंबर को जारी किया नोटिस
बोर्ड ने 30 नवंबर को सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर बताया है कि, अब सीबीएसई के दसवीं और बारहवीं के नतीजों में ओवरऑल डिविजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट अंक नहीं दिए जाएंगे। बोर्ड न तो परसेंटेज की गिनती करेगा और न ही रिजल्ट में इसकी जानकारी दी जाएगी।
नौकरी के लिए संस्थान को करना होगा कैलकुलेशन
अगर हायर स्टडीज के लिए या नौकरी के लिए परसेंटेज कैलकुलेशन की जरूरत पड़ती है तो संस्थान या कंपनी खुद ये कैलकुलेशन कर सकती है। बोर्ड इस बारे में कोई जानकारी नहीं देगा। मेरिट लिस्ट रिलीज करना बोर्ड पहले ही बंद कर चुका है।
सीबीएसई मेरिट लिस्ट अब नहीं जारी करता है। बोर्ड द्वारा अब यह भी तय किया गया है कि वह बोर्ड एग्जाम में ओवर ऑल डिविजन नहीं जारी करेगा। साथ ही सब्जेक्ट के सामने डिस्टिंक्शन भी अब नहीं लिखा जाएगा।
अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन