- गोरखपुर यूनिवर्सिटी में मार्कशीट का किया मिलान, प्रथम दृष्टया फर्जी निकली मार्कशीट

- गोरखपुर समेत यूपी के बैंकों में फ्रॉड कर दो शातिर एजेंट्स ने उड़ाए हैं करोड़ों रुपए

- जांच-पड़ताल में प्रशासनिक अधिकारियों ने किया सहयोग

GORAKHPUR: यूपी के विभिन्न बैंकों से फ्रॉड कर करोड़ों का नुकसान करने वाले शातिर गैंग की तलाश में सीबीआई सक्रिय हो गई। इस सिलसिले में टीम मंगलवार को गोरखपुर यूनिवर्सिटी पहुंची। वह पूरे दिन डीडीयूजीयू में रुकी रही। सीबीआई के हाथ लगे शातिर गैंग के डाक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल के लिए परीक्षा नियंत्रक और रजिस्ट्रार से जानकारी हासिल की। जांच में सहयोग करते हुए परीक्षा नियंत्रक और रजिस्ट्रार ने पूरा सहयोग किया और जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध कराए।

1996 बीए की लगाई मार्कशीट

मंगलवार की दोपहर 12 बजे सीबीआई की टीम एडी बिल्डिंग पहुंची। उन्होंने पहले रजिस्ट्रार से मिलने की कोशिश की, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात की। सोर्सेज की मानें तो इस दौरान उन्होंने इंद्रजीत सिंह के डाक्यूमेंट्स से संबंधित जानकारियां हासिल की। सीबीआई की मानें तो इंद्रजीत सिंह ने एजेंट बनने के दौरान बीए फाइनल इयर की जो मार्कशीट लगाई थी, वह डीडीयूजीयू सेशन 1996 की है। इसका रोल नंबर 72827 है। इन्हीं रोल नंबर और 2573 सीरीज नंबर के सहारे सीबीआई पूरे दिन रिकार्ड रूम से उसकी पूरी हिस्ट्री पता करने में जुटी रही।

यूनिवर्सिटी ने किया सहयोग

सीबीआई के जांच पड़ताल में सहयोग कर रहे यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि मार्कशीट पर हमेशा से परीक्षा नियंत्रक का हस्ताक्षर होते रहे है। जबकि सीबीआई ने जो मार्कशीट दिखाई, उसपर पर्यवेक्षक के हस्ताक्षर है। इससे साफ जाहिर होता है कि इंद्रजीत ने जो मार्कशीट लगाया है, वह फर्जी है। हालांकि इन सभी पहलुओं पर सीबीआई जांच पड़ताल में जुटी है। सीबीआई की मानें तो, इंद्रीजीत घोसी का रहने वाला है। इसके अलावा प्रदेश के कई शहरों में सीबीआई जांच-पड़ताल कर चुकी है।

लगाया साढ़े तीन करोड़ का चूना

सीबीआई लखनऊ से मिली जानकारी के मुताबिक, सन 2009 से 2012 तक लगातार विवेक सिंह और इंद्रजीत सिंह नाम के दो शख्स बैंक से लोन लेकर रुपए उड़ा रहे हैं। सीबीआई की मानें तो ये दोनों एजेंट हैं, कुछ दिनों तक इन दोनों ने कार्वी कंपनी में काम किया है। वहीं एसबीआई म्यूचल फंड में भी यह अपनी सेवा दे चुके हैं। इन दोनों ने मिलकर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए का चुना लगाया है। ये दोनों न सिर्फ गोरखपुर जनपद के 15-16 केनरा बैंक व एसबीआई बैंक बैंकों का चूना लगा चुके हैं। इनका नेक्सेज यूपी में सक्रिय है। 2014 से इस केस को सीबीआई ने जब टेक ओवर किया तो कई शहरों में ताबड़-तोड़ छापेमारी की।

सीबीआई टीम आई थी। उनके जांच-पड़ताल में जो भी दस्तावेज मांगे गए। वह दे दिए गए।

डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, डीडीयूजीयू