GORAKHPUR: इलाज में लापरवाही, मरीज के परिजनों से दु‌र्व्यवहार करने, जान-माल की धमकी के मामले में एसीजेएम प्रथम बाकर शमीम रिजवी ने देवरिया बाईपास तारामंडल रोड स्थित सत्या नर्सिग होम के डॉक्टर मीनाधर द्विवेदी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश खोराबार एसओ को दिया है। कोर्ट में तिवारीपुर एरिया के सिधारीपुर मोहल्ले की हाजरा खातून की ओर से एडवोकेट सज्जाद हुसैन ने प्रार्थना दिया। कहा कि हजारा खातून प्रेगनेंट थी। 13 दिसंबर 2012 को प्रसव पीड़ा होने पर उनको सत्या नर्सिग होम व मैटर्निटी सेंटर की डॉ। मीना धर द्विवेदी के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने कहा कि बिना ऑपरेशन बच्चा पैदा कराना संभव नहीं है। आरोप है कि अधिक ब्लीडिंग होने से महिला की हालत बिगड़ गई। पूरे बदन में इन्फेक्शन फैल गया। नवजात की देखरेख में लापरवाही की गई जिससे उसको पीलिया की शिकायत हो गई। डॉक्टर ने उपचार के नाम पर 21 हजार वसूल कर जबरन डिस्चार्ज कर दिया। डिस्चार्ज स्लिप पर डॉक्टर ने साइन भी नहीं किया। शिकायत करने पर जानमाल की धमकी दी गई। कोर्ट ने मामले को संज्ञेय प्रवृत्ति का पाते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

अपहरण के आरोपी की जमानत खारिज

हत्या की नीयत से अपहरण करने के आरोपी बड़हलगंज के ओझौली निवासी धीरज ओझा उर्फ लल्लू की जमानत अर्जी अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर चार खारिज कर दी। बड़हलगंज ओझौली निवासी नारायण ओझा के बेटे राहुल उर्फ सोनू का प्रेम संबंध गांव की एक युवती से था। 13 जुलाई की शाम चौराहे पर जाने की बात करके राहुल घर से निकला। लेकिन देर रात तक वह घर नहीं पहुंचा। नारायण ने आरोप लगाया कि उनके बेटे का अपहरण करके हत्या कर दी गई है। कोर्ट में अभियुक्त धीरज ने कहा कि उनको फर्जी फंसाया गया है। न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज कर दी।