- यहां तो एक तरफ छाया रहा मातम, दूसरी तरफ चला शराब का दौर
- जंगल छत्रधारी के प्रत्याशियों ने कच्ची शराब छोड़ बटवाई देशी शराब
GORAKHPUR: पिपराइच एरिया के जंगल छत्रधारी में जहरीली शराब से हुई चार मौतों के बाद भी शराब का दौर जारी रहा। मतदान के दिन 'झूम' और 'लैला' ब्रांड की देशी शराब के लालच ने वोटर्स को पोलिंग बूथ तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। एक तरफ इस गांव और आसपास के इलाकों में जहां मातम छाया रहा, वहीं दूसरी गिरता वोटिंग परसेंटेज देखते प्रत्याशियों के माथे की शिकन बढ़ने लगी। इससे उबरने के लिए उन्होंने 'खाना-पीना' परोस पुराना हथकंडा अपनाने को ही बेहतर समझा।
बूथ के सामने बिके वोटर्स!
इलेक्शन के पहले दिन स्कूल बंगला के बूथ नंबर 1,2,3,4 और 5 से जुड़े एरिया में सुबह से सन्नाटा पसरा रहा। वोटर की उदासीनता को देखकर प्रत्याशियों के माथे पर पसीना आने लगा। इससे उबरने के लिए गुपचुप तरीके से ही प्रत्याशियों ने वोटर्स को खरीदने का हर हथकंडा अख्तियार किया। एक-एक वोट जुटाने के लिए गांव के तमाम घरों में भोजन से लेकर मीट और मुर्गा तक की व्यवस्था की गई। वहीं जो इन दावतों में शरीक नहीं हो सका, उन्हें बकायदा एक किलो मुर्गे के मीट का नगद पैसा देने से भी प्रत्याशी नहीं चूके।
कच्ची नहीं 'शीशी' ले लो
नाम न छापने की शर्त पर एरिया के वोटर्स ने बताया कि प्रत्याशियों ने उन्हें खरीदने के लिए कई लुभावने ऑफर दिए। उनका कहना था कि यह हादसा कच्ची शराब की वजह से हुआ है। इसलिए अब यहां कोई भी कच्ची शराब नहीं पियेगा। जिसको भी पीना है वो शीशी ले सकता है। जतना के लिए ही तो इतनी मेहनत से देशी का इंतजाम किया गया है। इस दौरान एरिया के कुछघरों में लगातार शराब और वोट खरीदने की कीमत बांटी जाती रही। इस बीच जहां एक तरफ चुनाव मैदान में रहे प्रत्याशी वोटर्स को लुभाने में लगे रहे, वहीं यहां के चार परिवारों में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहा।