- रेलवे भर्ती बोर्ड के सहायक लोको पायलट का 2018 में निकली वेकेंसी
- चार स्टेप प्री, मेंस, साइको और मेडिकल एग्जाम पास करने के बाद भी 53 कैंडिडेट की नहीं हुई ज्वाइनिंग
- राजस्थान, पटना, उत्तराखंड और यूपी के कई जिलों के पास कैंडिडेट चार महीने से लगा रहे दौड़
- मंगलवार को भी रेलवे प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी के कार्यालय पर कैंडिडेट ने प्रदर्शन कर बयां किया दर्द
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: रेलवे बोर्ड ने एग्जाम करा लिया पास भी हो गए लेकिन ज्वाइनिंग नहीं कराई। सहायक लोको पायलट एग्जाम पास करने वाले कैंडिडेट का ये आरोप है। इनका कहना है कि राजस्थान, पटना, उत्तराखंड और यूपी के कई जिलों के कैंडिडेट चार महीने से पूर्वोत्तर रेलवे प्रमुख मुख्य कर्मिक अधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। सभी कैंडिडेट बीटेक और टेक्निकल कोर्स करने के बाद रेलवे के इस एग्जाम में शामिल हुए। आरोप है कि रेलवे भर्ती बोर्ड के सहायक लोको पायलट का चार स्टेप में एग्जाम पास करने के बाद भी आज तक ज्वाइनिंग नहीं हुई। गोरखपुर रेलवे के ऑफिस में में बार-बार आश्वासन और डेट दी जाता है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
2018 में आई थी वैकेंसी
रेलवे भर्ती बोर्ड ने 2018 में सहायक लोको पायलट (एएलपी) के लिए वैकेंसी निकाली थी, इसमें 1681 कैंडिडेट्स ने 2019 में इसमें प्री, मेंस, साइको और मेडिकल की एग्जाम पास किया। इसके बाद खाली पदों के लिए 1681 कैंडिडेट के अलग-अलग पैनल में नाम जारी किए गए। इसमें पहले पैनल में सितंबर 2019 में 1377 कैंडिडेट्स के नाम भेजे गए। मई 2020 में दूसरी पैनल लिस्ट जारी करते हुए 213 कैंडिडेट्स का नाम जारी हुआ। इसके बाद जनवरी 2021 में तीसरे पैनल में 62 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की गई। इसमें से 53 कैंडिडेट मेन लिस्ट में हैं, जो जनवरी से सीपीओ ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक ज्वाइनिंग नही मिली।
फिर मिला 3-4 महीने का टाइम
मंगलवार को कई स्टेट से आए कैंडिडेट्स ने दिन भर पूर्वोत्तर रेलवे प्रमुख मुख्य कर्मिक अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद भी उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला। तब सभी कैंडिडेट जीएम ऑफिस पहुंचे। वहां पर महाप्रबंधक सचिव डीके खरे से मिलकर कैंडिडेट्स ने सारी बात बताई। सचिव ने सीपीओ ऑफिस में बात की तो वहां से 3-4 महीने में सभी कैंडिडेट्स की ज्वाइनिंग कराने की बात कहीं गई। इसके बाद कैंडिडेट ने एक लेटर भी सचिव को सौंपा।
सीट खाली होने के बाद भी ज्वॉइनिंग नही मिल रही है, यह कहते हुए टाल दिया जा रहा है कि पद रिक्त नही हैं, जबकि सीपीओ के आरटीआई के जवाब में यह कहा गया था कि जनवरी 2021 तक 1099 लोगों को समायोजित किया जाएगा।
विनय तिवारी, कैंडिडेट, लखनऊ
बची हुई सीट क्यों ज्वॉइनिंग क्यों नहीं कराई जा रही है इसका जवाब दे। आज पांच महीने बीत गए लेकिन ज्वॉइनिंग नही मिली। जिसकी वजह से हम सभी धरना प्रदर्शन को मजबूर हैं।
अभिषेक कुमार, बनारस
मैं इतनी दूर से चार से पांच बार गोरखपुर आ चुका हूं। यहां पर रटा रटाया बयान दे दिया जाता है। लेकिन इसके बाद भी कुछ होता नहीं है। हमलोग इसकी वजह से और कहीं जॉब के लिए ट्राई भी नहीं कर पा रहे हैं।
बिट्टू, राजस्थान
मैं एक कोचिंग में टीचिंग भी करता था। जब ये जॉब मिली तो मैंने पढ़ाना बंद कर दिया। ऐसे में अब जेब भी खाली हो गई है। समय से ज्वाइनिंग करते तो हमलोगों को इधर उधर भटकना नहीं पड़ता।
अश्वनी चौहान, संतकबीर नगर
मैं प्रयागराज से बार-बार दौड़कर आता हूं। जितने भी कैंडिडेट का नहीं हुआ है उसका एक ग्रुप बनाया गया है। जिसमें तय हो जाता है कि हमें क्या करना है। हर बार हम लोग एक साथ आते हैं इसके बाद आवाज इन्हें नहीं सुनाई देती।
प्रशांत पाठक, प्रयागराज
लड़के लड़कियां सभी ने एग्जाम पास किया। तब ये नहीं पता था कि इस तरह एग्जाम के बाद होगा। अब तो बहुत से लोग मजाक भी उड़ाने लग गए हैं। घरवाले भी कह रहे कहीं और ट्राई करो।
शुभम शर्मा, उत्तराखंड
जितनी भी लिस्ट बनती गई उसे सीपीओ कार्यालय भेजते गए हैं। अब इस सीपीओ ऑफिस ही बाताए कि आखिर क्यों ऐसा हो रहा है। मैं भी पता करवाता हूं।
पीके राय, चेयरमैन, रेलवे भर्ती बोर्ड