- टूटी रोड पर चलने के लिए मजबूर हैं बक्शीपुर एरिया के लोग
- गलियां और मेन रोड पर केवल गड्ढे ही गड्ढे, किसी भी जिम्मेदार की नहीं खुलती आंख
GORAKHPUR: बक्शीपुर एरिया में विकास कार्यो में भेदभाव खुलकर देखने को मिल रहा है। मेन रोड चकाचक है, लेकिन गलियां गड्ढे में तब्दील हो चुकी हैं। क्शीपुर के इन संपर्क मार्ग को बनाने के लिए नगर निगम के किसी भी जिम्मेदार ने कोई कोशिश नहीं की। लोग रोड की हालत से परेशान हैं और गड्ढे में गिरकर घायल हो रहे हैं, लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। टूटी हुई सड़कों पर पानी भरने से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। एक लाख लोगों को मजबूरी समझने वाला कोई नहीं है। पिछले दिन बक्शीपुर एरिया में राज्यपाल के आगमन की सूचना मिलते ही आनन-फानन में नगर निगम ने रोड बना ली, लेकिन वह भी सिर्फ कोरम पूरा करने जैसी थी।
बक्शीपुर की गलियों में गड्ढे ही गड्ढे
बक्शीपुर का मेन रोड तो चकाचक है, लेकिन इस रोड से मिलने वाली गलियों की हालत काफी खराब हो चुकी है। बक्शीपुर से दीवान बाजार, अली नगर, इस्माइलपुर, एमजी और खूनीपुर को जोड़ने वाली गलियों की राहें टूटी-फूटी हैं। नगर निगम के जिम्मेदारों ने इन रास्तों के निर्माण की कभी योजना ही नहीं बनाई। पब्लिक की हालत यह है कि वह गड्ढे वाली सड़क पर चलने के लिए मजबूर हैं। पब्लिक कंप्लेन करती है, लेकिन जिम्मेदार इसे नजर अंदाज कर देते हैँ। दीवान बाजार की रोड को लेकर जिम्मेदार पिछले एक साल से यही आश्वासन दे रहे हैं कि रोड का टेंडर पास हो गया है, जल्द बन जाएगा, लेकिन बीते 10 दिन से इस रोड की नाली निर्माण का कार्य ही शुरू हो सका है।
टूटी हुई रोड पर चलने से बहुत अधिक परेशानी हो रही है। जिम्मेदार से रोड बनाने के लिए कहा जाता है तो इसका टेंडर हो गया है, बस यही जवाब मिलता है। इसका काम कब शुरू होगा यह कोई नहीं जानता।
दिलीप सिंह, स्थानीय नागरिक
मोहल्ले में कई प्रॉब्लम हैं, पूरे बक्शीपुर एरिया की बात करें तो नगर निगम के एक भी पार्क नहीं है, जहां मोहल्ले के बच्चे जाकर खेल सकें। रोड टूटी हुई है, नालियों का पानी सड़क पर बह रहा है। ऐसे नरकीय जिंदगी जी रहे हैं लोग।
डॉ। अनुपम कुमार गुप्ता, स्थानीय नागरिक
टूटी हुई रोड पर नालियों को पानी वह रहा है, जिसके कारण पूरा एरिया गंदा हो गया है। सफाई कर्मी आते हैं, लेकिन टूटे हुए हिस्से को छोड़ देते हैं और चले जाते हैं, जिसके कारण अब तो नालियां भी जाम हो गई हैं।
राजकुमार, व्यापारी
दशहरा से इस रोड के बनाने का आश्वासन मिल रहा है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इस रोड पर सबसे अधिक डर बच्चों को लेकर जाते समय लगता है। पता नहीं किस गड्ढे में गिरकर बच्चे घायल हो जाए।
राकेश अग्रवाल, व्यापारी
टूटी हुई सड़कों के कारण मेरे यहां रिश्तेदार आने से कतराने लगे हैं। नगर निगम या कोई भी इस रोड के निर्माण की जिम्मेदारी नहीं उठा रहा है। पब्लिक को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
दयाकृष्ण गुप्ता, व्यापारी