- धर्मशाला बाजार दो सांड़ की लड़ाई में स्वीट शॉप ओनर हुए घायल
- टक्कर से टूटी छाती और कंधे की हड्डी
- मौके पर पहुंची मेयर ने पूछा हालचाल
GORAKHPUR : शहर के आवारा कातिलों पर लगाम कसने में नगर निगम नाकाम रहा है। मंडे को धर्मशाला बाजार में शुभकामना स्वीट हाउस के ओनर मुन्ना लाल गुप्ता दो सांड़ की लड़ाई के शिकार हो गए। टक्कर से उनकी छाती और कंधे की हड्डी टूट गई। डॉक्टर्स ने उन्हें एक महीने का बेड रेस्ट करने को कहा है। मुन्ना सात सदस्यों के अपने परिवार के इकलौते कमाऊ मेंबर हैं। आवारा कातिलों ने उनके पूरे परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है।
सांड़ की लड़ाई में घायल हुए मुन्ना
मंडे सुबह 9 बजे मुन्ना लाल गुप्ता धर्मशाला बाजार स्थित अपनी मिठाई की दुकान खोलने गए। उनको इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि आज उनके साथ ऐसी घटना होगी। सुबह क्क् बजे वह अपनी दुकान के सामने खड़े थे। तभी दो सांड़ आपस में लड़ते हुए आए और मुन्ना पर हमला कर दिया। वह कुछ समझ पाते, इससे पहले एक सांड़ उनके सीने पर पैर रख दिया। सांड़ का आतंक देख आस-पास के लोग डंडा लेकर दौड़े और दोनों सांड़ को मार कर भगाया। मुन्ना लाल को बैंक रोड स्थित एक निजी हास्पिटल ले जाया गया जहां इनका इलाज हुआ। मुन्ना लाल ने बताया कि अभी तक भ् हजार रुपए ज्यादा इलाज में खर्च हो चुके हैं। डॉक्टर ने एक माह आराम करने के लिए कहा है। ऐसे में अगर एक माह दुकान बंद रहेगी तो घर का खर्च कैसे चलेगा।
हॉस्पिटल पहुंची मेयर, जाना हाल चाल
सांड़ के हमले से व्यापारी के घायल होने की सूचना पाकर हाल-चाल जानने के लिए मेयर डॉ। सत्या पांडेय हॉस्पिटल पहुंची। मेयर ने मुन्ना लाल गुप्ता से कहा किकि नगर निगम में एक अप्लीकेशन दे दें ताकि नगर निगम आवारा जानवर पकड़ने का काम और तेज गति से करने लगे। कुछ लोग हैं जो नगर निगम के आवारा जानवर पकड़ने में रूकावट पैदा कर रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ नगर निगम जल्द ही कठोर कदम उठाएगा।
छुट्टा जानवरों के आतंक से पूरा शहर त्रस्त है और नगर निगम के अफसर कमीशनखोरी में लगे हुए हैं। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी तो जानवर पकड़ने पर हो रहे खर्च में गोलमाल करते हैं। नगर निगम का मूल कार्य पब्लिक की सुविधाओं पर ध्यान देना है, लेकिन अफसरों को जनता कुछ लेना-देना नहीं है।
सौरभ विश्वकर्मा, पार्षद वार्ड नं ब्क्, मिर्जापुर
नगर निगम के अफसर वही काम करते हैं जिनमें उनको पैसा कमाने का मौका मिलता है। जनहित के कार्यो से उनका कुछ भी लेना-देना नहीं है। आवारा जानवरों से दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। दो की मौत हो चुकी है, लेकिन सिटी से छुट्टा पशु पकड़ने का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
विजेंद्र अग्रहरि, पार्षद वार्ड नं म्ब्, बसंतपुर