- सिटी के कई बिजनेसमैन और प्रोफेशनल्स का साइकलिंग से है दिल का रिश्ता
- लग्जरी गाडि़यां केवल शौक के लिए, दिनभर का सफर साइकिल से
GORAKHPUR : विकास की आंधी में भले ही हम नई सुविधाओं के आगे पुरानी चीजों को भूलते जा रहे हों, लेकिन एक शौक है जो वैसे भी बरकरार है। ये शौक है साइकिल पर सवार होकर अलमस्त घूमने का। सिटी के कुछ बिजनेसमैन ने अपना ये शौक बनाए रखा है, बस तरीका जरा मॉडर्न हो गया है। बिजनेस की फील्ड में अपना मुकाम बना चुके ये गोरखपुराइट्स साइकिलिंग के लिए क्रेजी हैं। घर में लग्जरी गाडि़यां होने के बाद अब भी वे साइकिल से ही चलते हैं और मौका मिलते ही दोस्तों के साथ निकल पड़ते हैं साइकिल पर सवार हो पुरानी यादें ताजा करने।
साइकिल्स के दीवाने हैं हरदीप
साइलेंट जनरेटर का बिजनेस करने वाले हरदीप सिंह को लग्जरी साइकिल्स का शौक है। मोहद्दीपुर में रहने वाले हरदीप के पास यूं तो लग्जरी कार, बाइक्स की कमी नहीं हैं, लेकिन हर साल वह एक नई एडवांस्ड साइकिल जरूर खरीदते हैं। करंटली उनके पास जो साइकिल है, उसकी कीमत बीस हजार से ज्यादा है। हरदीप अपनी ख्क् गियर वाली साइकिल से दिन भर के काम तो करते ही हैं, बल्कि अपने बिजनेस टूर भी उसी से करते हैं। स्पोर्ट्सपर्सन और एथलीट रह चुके हरदीप साइकिल से ही नेपाल के तानसेन, पोखरा तक का सफर तय कर चुके हैं। अब उनकी तैयारी काठमांडू जाने की है। जिसके लिए वह डेली भ्0 किमी। साइकिल चलाकर प्रैक्टिस करते हैं। अपने पार्टनर और बस्ती में तैनात बिजली विभाग के इंजीनियर मनीष अग्रवाल के साथ उन्होंने इंडो-नेपाल साइक्लर्स ग्रुप भी बनाया है। ग्रुप में सिटी से इन दोनों के अलावा नेपाल के भी क्7 मेंबर्स हैं। अब वह दूसरों को भी साइकिलिंग के लिए अवेयर कर रहे हैं। हरदीप ने बताया कि उनसे इंस्पायर होकर एक दोस्त ने तो बीएमडब्लू कंपनी की एक साइकिल खरीदी है जिसकी कीमत म्0 हजार रुपए है।
ग्रुप बनाकर करते हैं साइकिलिंग
कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने के बाद शरद खेतान ने अपना खुद का बिजनेस शुरू किया। बैंक रोड निवासी शरद आज कई लग्जरी गाडि़यों के मालिक हैं, लेकिन उनका रूटीन बिना साइकिल चलाए पूरा नहीं होता। इंजीनियरिंग के दौरान हॉस्टल में साइकिल से चलने का शौक था। समय और काम की व्यवस्था के चलते कुछ दिन के लिए शौक छिप गया था, लेकिन अब शरद पर डे फ्0 से ब्0 किमी साइकिलिंग करते हैं। यहीं नहीं, मार्निग वॉकर की तरह उनका एक साइकिलिंग ग्रुप भी है। तारामंडल एरिया में सुबह म् बजे से 8 बजे तक उनका ग्रुप साइकिलिंग करता है, जिसमें ज्यादातर बिजनेसमैन और प्रोफेशनल है। शरद की मानें तो वह साइकिलिंग के लिए पंजाब के इंजीनियर दोस्त कंवलजीत लूथरा से इंस्पायर हुए थे। कंवलजीत पंजाब के बड़े बिजनेसमैन हैं और वह कई बड़ी साइकिल रैली में हिस्सा ले चुके हैं। अपने दोस्त और परिवार के बीच अपने साइकिलिंग के क्रेज को लेकर ही शरद भी एक मिसाल बन गए है।
शौक ने ही बना दिया कारोबारी
सिटी के फेमस साइकिल विक्रेता सुभाष सेठी के शौक ने ही उन्हें कॉमन मैन से बिजनेसमैन बना दिया। कई नामी कंपनी की डीलरशिप के साथ-साथ कई बिजनेस में वे सक्रिय हैं। घर में कई लग्जरी गाडि़यां हैं, लेकिन बचपन से चले आ रहे साइकिलिंग के क्रेज ने उन्हें इस उम्र में भी फिट रखा है। आज भी वह अपने एक बिल्डर दोस्त के साथ हर रोज साइकिलिंग करने निकलते हैं। उनका कहना है कि साइकिलिंग से न केवल सेहत दुरुस्त रहती हैं, बल्कि दोस्तों के साथ पुरानी यादें भी ताजा हो जाती है। साइकिल का बिजनेस करने वाले सुभाष सेठी अपनी साइकिल के लिए इतने क्रेजी है कि किसी भी कंपनी की स्पोर्ट्स साइकिल देखते ही उसे खरीद लेते हैं। साइकिलिंग से पहले फोन पर दोस्तों में बात होती है और फिर जगह तय होती है। अपनी-अपनी साइकिल लेकर वह अक्सर पुराने दोस्तों के पास जाते है और बचपन की यादें शेयर करते हैं।
बाइकॉथन कॉर्नर
बाइकॉथन के लिए खरीदी नई साइकिल
मैं हर साल आई नेक्स्ट बाइकॉथन में हिस्सा लेता हूं। ये एक ऐसा इवेंट है जिसका मुझे हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है। करूं भी क्यों न, पूरे साल में यही एक ऐसा दिन है जब मुझे सिटी की सड़कों पर साइकिल ही साइकिल नजर आती हैं। हजारों लोग आई नेक्स्ट बाइकॉथन की टीशर्ट और कैप पहनकर मस्ती में साइकिल चलाते नजर आते हैं। ये नजारा देख कर मुझे अपने स्कूल के दिनों की याद बरबस ही आ जाती है। लास्ट इयर बाइकॉथन के लिए मैंने नई साइकिल खरीदी थी, बाइकॉथन में हिस्सा लेने के बाद मैंन डेली साइकिल चलाने की शपथ ली थी। तब से हर दिन कम से कम क्0 किमी। साइकिल से ही चलता हूं। इससे मेरी हेल्थ तो ठीक है ही, ट्रैफिक जाम से भी बचा रहता हू। पेट्रोल का खर्च भी बचता है, वो अलग। अपने छोटे-छोटे काम साइकिल से ही पूरा करता हूं। दिन की शुरुआत साइकिल से होती है जिसके बाद दिन भर खुद को फिट महसूस करता हूं। इस बार मैंने बाइकॉथन की तैयारी के लिए अभी से प्रैक्टिस शुरू कर दी है। एक बात और बाइकॉथन कोई रेस नहीं है, ये एक रैली है लोगों को साइकिलिंग और एनवायर्नमेंट सेफ्टी के लिए अवेयर करने के लिए। तो देर किस बात की, उठाइए साइकिल और हिस्सा लीजिए आई नेक्स्ट बाइकॉथन में।
बृजेश त्रिपाठी