गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसे में अब यूपी-बिहार बॉर्डर तक गोरखपुर से चलने वाली प्राइवेट बस संचालकों ने पैसेंजर्स को पकडऩे के लिए नया फंडा खोज निकाला है। नंदानगर तक पैसेंजर्स को पहुंचाने के लिए बस संचालक बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए ई-रिक्शे का इंतजाम कर रहे हैं। नए पार्किंग स्थल की जानकारी न होने के कारण बस मालिकों ने यह कदम उठाया है।
20 हजार से ऊपर यात्री करते हैैं सफर
गोरखपुर से यूपी-बिहार बॉर्डर से लगे हुए जिले में जाने के लिए गोरखपुर से करीब 400 बसों का संचालन होता है। प्रतिदिन करीब 20 हजार से ऊपर यात्री सफर करते हैैं, लेकिन बीते दिनों एडीजी अखिल कुमार और कमिश्नर अनिल ढींगरा के निर्देश के बाद यूनिवर्सिटी चौराहे से इन प्राइवेट बसों का संचालन नगर निगम की मदद से नंदानगर पार्किंग स्थल से शुरू कर दिया गया। इसके बाद से बस स्टैंड की जानकारी न होने से पैसेंजर्स को बस पकडऩे में मुसीबत होने लगी। इसका समाधान हो सके, इसके लिए बस एसोसिएशन वालों ने ई-रिक्शा वालों से संपर्क कर उन्हें बस पार्किंग स्थल तक पहुंचाने का काम शुरू करा दिया है। यह सर्विस फिलहाल फ्री है, लेकिन इसको बस किराए में जोड़ा गया है।
सीएम से मिलकर रखी थी अपनी समस्या
गोरखपुर प्राइवेट बस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हाल ही में सीएम से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। एसोसिएशन के पदाधिकारी संजय कुमार जायसवाल, उपाध्यक्ष आरएस सिंह, सचिव विनय कुमार सिंह ने सीएम से मिलकर कहा कि प्रशासन द्वारा प्राइवेट बसों के सिटी में प्रवेश पर रोक लगाते हुए बसों का ठहराव बाघागाड़ा, गुलहरिया, नंदा नगर, महेसरा कर दिया गया है। गोरखपुर में बसों द्वारा ग्रामीण सवारियां प्रतिदिन आती हैैं, लेकिन बसों का ठहराव सिटी से दूर होने के वजह से उसी भाड़े में यात्रियों को शहर में ऑटो के माध्यम से दो गुना किराया देकर भेजना पड़ रहा है।
रेलवे स्टेशन से बिहार जाने वाली बस को लेकर काफी परेशान हुए। किसी तरह से नंदानगर पहुंचे, उसके बाद बगहा के लिए बस मिली। रेलवे स्टेशन से काफी दूर होने के कारण दिक्कत काफी हुई। हालांकि बस वालों ने ई-रिक्शा का इंतजाम किया, जिससे यहां तक पहुंच सके।
अंकुर, यात्री
चार महीने बाद लुधियाना से आए हैैं। बिहार के लिए यूनिवर्सिटी चौराहे से पहले बस मिल जाती थी, लेकिन अब बिहार जाने वाली बसों के लिए काफी दूर स्टॉपेज बनाया गया है। कुछ लोग रोडवेज बस स्टेशन पर भेज दिए तो वहां बस नहीं मिली, फिर ऑटो पकड़कर नंदानगर आए हैं।
रमेश, यात्री
प्राइवेट बसों के लिए नंदा नगर स्थित खाली जमीन पर पार्किंग स्थल बनाया गया है। वहीं से बिहार जाने वाली बसों का संचालन हो रहा है। सिटी में आने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इसलिए उनके लिए वहीं व्यवस्था की गई है।
- गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त