- स्वास्थ्य मंत्री के आने की सूचना पर मेडिकल कॉलेज में तैयारियां

- कुछ बताकर बहुत कुछ छुपा लेने की पूरे दिन होती रही तैयारी

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रविवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन के आने की खबर पर पूरा अमला सफाई व्यवस्था में जुटा हुआ है। कोई कोर-कसर न रह जाए, इसलिए अतिरिक्त सफाईकर्मी लगाए गए हैं। साथ ही मेल-फीमेल सर्जरी, गायनोकोलॉजी, हड्डी, मेडिसिन व इंसेफेलाइटिस वार्ड की सफाई की जा रही थी। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन अपनी तमाम कमियों को छुपाने में लगा हुआ है। मंत्री की नजर उस तरफ ना पड़े इसके लिए सभी कर्मचारियों को हिदायत भी दी गई है। इन कवायदों के बीच बहुत कुछ है जो प्रशासन बताना नहीं चाहता, लेकिन मंत्री अगर इस पर ध्यान दें तो यह समस्याएं सुलझ सकती हैं।

गंभीर हालत में बर्न वार्ड

आग से झुलसे गंभीर मरीजों के लिए बर्न वार्ड में 12 बेड लगाए गए हैं। इनके लिए अलग-अलग केबिन भी बने हैं। इसमें कुल छह एसी भी लगाए गए हैं, लेकिन इसमें से दो एसी काफी दिनों से खराब पड़े हैं। इनकी मरम्मत तक नहीं कराई गई हैं। इसके लिए कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन इसका असर किसी पर नहीं पड़ रहा है।

इंसेफेलाइटिस वार्ड

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 100 शैय्या वार्ड का हाल जानने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर स्पॉट पर पहुंचा। यहां पेशेंट के परिजन सीढ़ी और बरामदे में फर्श पर सोए हुए थे। वहीं एक बेड पर दो-दो मरीजों को लिटाया गया था। वार्ड पर लगे खिड़कियों के शीशे के रास्ते एक मां अपने बच्चे को एकटक ताक रही थी। बच्चा बेड पर छटपटा रहा था, लेकिन मां को अंदर नहीं जाने दिया गया। वहीं बगल के वार्ड में इंसेफेलाइटिस ने एक और लाल की जान ले ली। माता-पिता को अपने लाल के जाने का गम सता रहा था। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। एक बाप गोद में बच्चे की लाश लिए अपनी पत्नी के आंसू पोंछ रहा था। यह हृदय विदारक वाकए को देखकर सभी के होश उड़ गए। वहीं वार्ड में आईवी और ड्रीप सेट खत्म होने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

पेय जल की समस्या

मेडिकल कॉलेज की सबसे बड़ी समस्या पेय जल की है। वार्ड के ऊपर लगी टंकियों और वाटर कूलर के पास गंदगी होने की वजह से यहां का पानी कोई पीना पसंद नहीं करता है। पिछली बार अस्पताल प्रशासन ने दावा किया था कि जल्द से जल्द व्यवस्थाओं में सुधार लाया जाएगा, लेकिन आज भी स्थितियां पहले जैसी हैं। आलम यह है कि टंकियों का ढक्कन और टोटियां टूटकर अलग हो चुकी हैं। जहां शुद्ध पेय जल लिखा है, वहा पर काई की मोटी परत जमी हुई है।

दवा चोरी व सर्जिकल वार्ड की आग

मेडिकल कॉलेज में दवाओं में खेल और सर्जिकल सामनों में आग लगने के प्रकरण की जांच मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा गठित की गई कमेटी कर रही थी। लेकिन घटाना घटित हुए काफी समय हो चुकी है। फिर टीम ने रिपोर्ट नहीं दी है। इसमें कुछ अहम मामले हैं।

-स्टोर से ढाई लाख की जांच किट गायब

-ड्रग सेंटर से सात लाख दवाओं की चोरी

-सर्जिकल स्टोर में आग लगने से दस लाख के सामन राख हुआ था। इस केस से अभी तक पर्दा नहीं उठा है।