पांच करोड़ 76 लाख 28 हजार की लागत से बनाई गई थी न्यू बिल्डिंग
- सीएनडीएस ने करवाया था निर्माण कार्य
- परियोजना प्रबंधक ने माना निर्माण में हुई है गड़बड़ी
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:
सरकार की ओर से नई बनाई जाने वाली सरकारी बिल्िडगों को भूकम्प रोधी बनाने के सख्त निर्देश है। लेकिन बिल्डिंग बनाने वाली सरकारी संस्थाओं को सरकार के निर्देशों से क्या मतलब, उनके अधिकारी तो गोलमाल करने के चक्कर में लगे रहते हैं। बिल्डिंग गिरती तो गिरे, लोग मरते है तो मरें, उससे उनका क्या बिगड़ता है.इसकी एक बानगी जिला महिला अस्पताल में पांच करोड़ 76 लाख 28 हजार की लागत से बनी न्यू बिल्डिंग है। 2013 में बनकर तैयार हुई इस बिल्डिंग को पिछले दिनों आए भूकम्प से चेक किया तो कार्यदायी संस्था सीएनडीएस फेल हो गई। भूकम्प के झटके से बिल्डिंग की दीवार और छत में दरार आ गई। वहीं खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। जिससे कुछ दिनों तक डरें सहमे पेशेंट्स वार्ड में जाना तक नहीं पसंद कर रहे थे। हाल ही में हुए अव्यवस्था के कारण नवाजातों के बवाल ने पेशेंट्स को दोबारा न्यू बिल्डिंग में पहुंचा दिया है। उसके बावजूद आलम यह है कि बिल्डिंग के दो कमरों को छोड़ दिया जाए तो बिल्डिंग पूरी तरह से खाली है।
भाग खड़े हुए थे पेशेंट्स-
जब 25 अप्रैल को पहली बार भूकंप आया था, तब इस बिल्डिंग में दो वार्ड में पेशेंट्स एडमिट थे। भूकंप के हल्के से झटकों ने बिल्डिंग की नींव हिला दी। जिसे देख पेशेंट्स यहां से भाग खड़े हुए थे। तब से यह बिल्डिंग एक बार फिर पूरी तरह खाली हो गई थी। पुरानी बिल्डिंग में गंदगी और गर्मी से हो रही नवजातों की मौत को देखते हुए एसआईसी ने पेशेंट्स को इस बिल्डिंग में शिफ्ट करने के ऑर्डर दिए हैं। दबाव में पेशेंट्स शिफ्ट तो हो रहे हैं लेकिन उनके मन में एक डर भी है।
अस्पताल इम्पलाइज में भी डर
महिला अस्पताल के चार मंजिला न्यू बिल्डिंग में ग्राउंड और प्रथम तल पर बारह बेड के प्राइवेट वार्ड और सेकेंड तथा थर्ड फ्लोर पर सौ बेड वाला वार्ड बनाया गया है। वहीं जांच और ड्रेसिंग रूम भी बनाए गए हैं। लेकिन बिल्डिंग में दरार आने से अस्पताल इम्लाइज भी डर रहे हैं।
परियोजना प्रबंधक ने माना हुई है लापरवाही
कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के परियोजना प्रबंधक वाईपी पाण्डेय ने बताया कि एक हफ्ते पहले बिल्डिंग का मुआयना करने गए थे। बिल्डिंग में बनाए गए हर दो पीलर के बीच गैप होना होना चाहिए। इसके बाद एल्यूमिनियम के शीट से उसे पैच कर दिया जाता है जिससे कोई चीज उसमें ना पहुंचे। जांच में यह काम करना नहीं पाया गया है जिसकी वजह से बिल्डिंग में दरार आई है। कहीं ना कहीं कमियां हुई है। जिसे ठीक करवाया जा रहा है।
वर्जन
कार्यदायी संस्था एसएनडीएस को बिल्डिंग की मरम्मत कराने के लिए पत्र भेज दिया गया है। जल्द से जल्द मरम्मत कार्य पूरा करवा लिया जाएगा।
डॉ.सुनीता कुमार, एसआईसी