गोरखपुर (ब्यूरो)। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे मेट्रो सिटी की तर्ज पर गोरखपुर के प्रोफेशनल्स, यूथ और डॉक्टर्स ने फिट रहने के लिए घर पर ही प्राइवेट जिम बना लिए हैं। जेब और घर के एरिया के हिसाब से बनाए गए हाइजीनिक होम जिम में हाईटेक टूल्स की व्यवस्था है। वे अपने घर पर अपने टाइम के हिसाब से जिम में एक्सरसाइज कर लेते हैं। उन्हें टाइम की कमी के वजह से हेल्थ से भी कम्प्रोमाइज नहीं नहीं करना पड़ता है। होम जिम में ट्रेड मिल, एक्सरसाइकिल, होम जिम सेट, मल्टी बेंच और डंबल्स होने से यह होम जिम पूरी फैमिली के लिए यूजफुल साबित हो रहा है।
बढ़ा जिम का चलन
गोरखपुर के जिम ट्रेनर्स की मानें तो 1995 से 2000 के बीच डिश के केबल जैसे-जैसे घरों की टीवी से जुडऩे शुरू हुए तो देश-विदेश के खिलाडिय़ों, सेलिब्रिटीज के फिटनेस को लोग करीब से देखने और समझने लगे। गोरखपुराइट्स में भी फिटनेस के प्रति अवेयरनेस बढ़ी और इसी के साथ तेज हुआ जिम का चलन। शुरू में तो एलीट क्लास के लोगों ने जिम में दस्तक देनी शुरू की, मगर धीरे-धीरे हर आय वर्ग के लोगों का रुझान बढ़ा। अब यूथ से लेकर हर वर्ग, आधुनिक बनने की राह पर है। इसी कारण टाइम मैनेजमेंट और प्राइवेसी ने होम जिम के कल्चर को जन्म दिया। बड़ी संख्या में लोग अपनी जरूरत और आर्थिक स्थिति के अनुसार घर का एक कोना जिम के लिए सुरक्षित कर रहे हैं। मध्यम और निम्न आयु वर्ग की पहुंच भी होम जिम तक हो गई है। 50 हजार से डेढ़ लाख रुपए में जरूरत भर के एक्सरसाइज के सामान मिल जा रहा है।
होम जिम मेें ये प्रमुख सामान
ट्रेड मिल
एक्सरसाइकिल
होम जिम सेट
मल्टी बेंच
डंबल्स
घर पर ही एक्सरसाइज
डीडीयूजीयू में एम.कॉम स्टूडेंट एकांश ने बताया, बचपन से पिता को फिटनेस के लिए काफी सीरियस देखा। वह सुबह जॉगिंग के लिए निकल जाते थे। हालांकि अब वह घर पर जिम होने से यहीं एक्सरसाइज करते हैं। पिता को देखकर फिटनेस के प्रति अवेयर हुआ। स्कूल के बाद कॉलेज पहुंचा तो जिम स्टार्ट कर दी। एकांश ने बताया कि बाहर जिम जाने के लिए काफी समय बर्बाद होता है। घर पर जिम होने समय बचता है। जिम में रॉड, डंबल, प्लेट्स, लेग ट्रेनिंग सभी बेसिक इक्विपमेंट हैं। सिर्फ एक घंटा एक्सरसाइज काफी लाभदायक साबित होती है। अगर बाहर जाने में दिक्कत हो तो घर पर ही कुछ एक्विपमेंट से जिम स्टार्ट किया जा सकता है। एकांश के पिता जीडीए के सहायक संपत्ति अधिकारी हैं।
1-2 घंटे डेली एक्सरसाइज
न्यूरोसर्जन डॉ। मुकेश शुक्ला ने समय की कमी के चलते और अपनी प्राइवेसी को मद्देनजऱ रखते हुए अपने और अपने परिवार के लिए 2019 में घर पर ही जिम खोल लिया और डेली 1-2 घंटे जिम में एक्सरसाइज करते हैं। च्त्नी और बच्चों को भी जिम में जाने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके पास जिम के सभी इक्विपमेंट और कार्डिओ के लिए ऑटोमैटिक ट्रेडमिल है।
डॉक्टर से कर लें कंसल्ट
डॉ। शुक्ला ने बताया, होम जिम जितना ईजी लगता है। उतना ही उससे सतर्क रहने की जरूरत है। कई बार वर्क आउट करना डेंजरस हो सकता है। इसलिए जिम करना सभी के लिए फायदेमंद हो। यह जरूरी नहीं। वर्क आउट करने से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है
1. एज और मेडिकल कंडीशन के बेसिस पर ही वर्क आउट का टाइम फिक्स करें,
2. एक हेल्दी पर्सन के लिए 10 मिनट की कार्डियो एक्सरसाइज काफी है।
3. कार्डियो एक्सरसाइज करते वक्त 5-5 मिनट का गैप रखें।
4. वायरल या सर्दी जुकाम वाले लोग को वर्क आउट नहीं करना चाहिए।
5. अगर किसी को ब्रिदिंग प्रॉब्लम हो तो उसे वर्क आउट करने से बचना चाहिए।
6. पुरानी चोट में पेंन स्टार्ट हो जाने पर एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए।
7. डॉक्टर जितने देर कहे। उतने देर ही वर्क आउट करना चाहिए।
होम जिम से समय की बचत
ज्योतिर्विद पं। नरेंद्र उपाध्याय ने कहा, 2016 से घर पर ही जिम करते हैं। उन्हें, पत्नी और बेटी को एक्सरसाइज़ करने का बहुत शौक है। बाहर जाने की बजाय घर में जिम करने से समय की भी बचत होती है और हमारी प्राइवेसी भी बरकरार रहती है। उन्होंने बताया, उनके घर पर स्क्वाट स्टैंड, मल्टीपर्पस फि़टनेस स्टैंड और चिन अप स्टैंड जैसी अनेकों इक्विपमेंट हैं।
पर्सनल ट्रेनर कराते हैं जिम
स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज के डायरेक्टर राजीव गुप्ता डेली एक घंटा जिम में जरूर देते हैं। कोरोना काल में जब घर से निकलना बंद था, तब अपने और अपने परिवार की एक्सरसाइज़ को कम्पलीट करने के लिए घर में ही जिम खोलने का सोचा और जिम के बेसिक इक्विपमेंट जैसे- रॉड, डम्बल, प्लेट्स, लेग ट्रेनिंग स्टैंड्स आदि घर पर मंगवाने के बाद से ट्रेनिंग शुरू कर दी और अब उनके पास सभी इक्विपमेंट हैं और उन्हें अपने पर्सनल स्पेस में ही जिम करना पसंद आने लगा है। इसीलिए वह घर पर ही जिम करते हैं और पर्सनल ट्रेनर भी रखा है, जिससे उन्हें सही एक्सरसाइज़ करने में मदद मिल सके।
ट्रेनर की हेल्प से करें वर्कआउट
फिटनेस ट्रेनर विकास पाण्डेय बताते हैं कि जिम में वर्कआउट करने के लिए बहुत सी सेफ्टी का खयाल रखना पड़ता है। इसलिए होम जिम करते वक्त भी जिम एक्सपर्ट रखना चाहिए। उन्होंने बताया, होम जिम उन्हें ही रखना चाहिए, जो एक दो साल तक किसी फिटनेस एक्सपर्ट की देख रेख में वर्क आउट कर चुके हों। शहर की युथ के साथ साथ लेडीज भी होम जिम डेवलप कर रही हैं।