गोरखपुर (ब्यूरो)।वहीं, दूसरी ओर टैक्स, एक्साइज और कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर उनकी जेब से पैसा निकाल लिया गया। इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने पर फोकस है तो वहीं एजुकेशन के डिजिटाइजेशन की कोशिश कर एजुकेशन सेक्टर का दायरा ब्रॉड करने की कोशिश की है। मगर बजट किसान, सीनियर सिटीजन को राहत नहीं देने वाला है। यह बातें सामने आईं दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से आम बजट पर ऑर्गनाइज ग्रुप डिस्कशन में, जहां बिजनेसमैन, सीए, डॉक्टर, युवा और प्रोफेशनल्स ने शामिल होकर बेबाकी से अपनी बातें रखीं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट गोरखपुर के संपादकीय प्रभारी शिशिर मिश्र ने बजट पर ऑर्गनाइज डिस्कशन की रूपरेखा रखी। बजट पर राय देने वालों ने कहा, मोदी सरकार ने फरवरी को जनसमूह की फेवरेबल बनाने का प्रयास किया है। रोजाना की जरूरतों में शामिल मोबाइल और स्मार्ट टीवी खरीदना सस्ता हो गया है। फाइनेंस मिनिस्टर ने अपने बजट भाषण में लीथियम ऑयन बैटरी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को 2.5 परसेंट घटाकर 13 परसेंट कर दिया है। जिससे आने वाले दिनों में स्मार्टफोन की कीमत कम हो सकती है। इसके पहले दिनभर लोग टीवी सेट पर बजट देखते रहे।
नया टैक्स सिस्टम
फाइनेंस मिनिस्टर ने बजट में गरीब खाद्यान्न योजना एक साल के लिए बढ़ाई है। फाइनेंस मिनिस्टर ने 7 लाख की आय तक टैक्स में छूट दी है, लेकिन इसके लिए अलग से टैक्स सिस्टम बनाया गया है, जिसे अडॉप्ट करने वालों को ही इसका फायदा मिलेगा। वहीं अगर कोई चाहे तो पुराने टैक्स सिस्टम को भी अपना सकता है। पैन कार्ड को राष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में लाने की बात कही गई है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल, ऑटोमोबाइल, खिलौने और देसी मोबाइल सस्ते करने की कवायद की जा रही है। वहीं, चिमनी, कुछ मोबाइल फोन, कैमरे के लेंस, सिगरेट, सोना, चांदी, प्लेटिनम महंगा होगा।
डिबेट में निकला निष्कर्ष
- 7 लाख तक टैक्स रिबेट देकर सैलरी पर्सन का ध्यान दिया गया है।
- ई-कोर्ट में त्वरित न्याय मिले। उसके लिए बजट दिया, लेकिन सिर्फ ई-कोर्ट ही ऑप्शन नहीं होना चाहिए।
- 80 करोड़ लोगों की फ्री राशन को लेकर लोगों में मतभेद था, कुछ इसको सरकार की जिम्मेदारी बता रहे थे, तो कुछ ने इसे लोगों के लिए नुकसानदायक और उन्हें आलसी बनाने वाला बताया।
- इंफ्रास्टक्चर पर बजट में जोर दिया गया, इससे विकास की रफ्तार बढ़ेगी।
- व्यापारियों ने सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की उम्मीद लगा रखी थी, लेकिन वह नहीं हुआ। चांदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, इससे चांदी महंगी हो जाएगी।
- पीएम विश्वकर्मा योजना से युवाओं को मिलेगा रोजगार।
- लिथियम आयन बैटरी बनाने में इस्तेमाल सामान की इंपोर्ट ड्यूटी घटाने पर पर्यावरण को मिलेगा फायदा।
-नर्सिंग कॉलेज खोलने का सही निर्णय, इससे कम से कम स्किल लोग निकलेंगे। मगर गवर्नमेंट को नर्सिंग कॉलेज खोलने के नॉम्र्स को आसान करना होगा।
- अभी तक रेलवे में सबसे अधिक 2.4 लाख करोड़ मिले।
- महिला सम्मान बचत पत्र से महिलाओं को मिलेगा फायदा।
सरकार ने बजट अच्छा पेश किया है। सभी वर्ग का ध्यान रखा है। कई वर्ष से टैक्स स्लैब चेंज नहीं किया गया था, इसे अब चेंज करके 7 लाख तक छूट दी गई है। इससे सैलरी पर्सन को राहत मिलेगी।
- पं। नरेंद्र उपाध्याय, ज्योतिर्विद
आम बजट मेें 5 लाख से 7 लाख की टैक्स रिबेट दी गई है, इसे और भी बढ़ाना चाहिए। क्योंकि नौकरी पेशा लोग 15 से 20 प्रतिशत तो टैक्स में दे देते है, इसके बाद भी सामानों की खरीद पर टैक्स देते हैं। एकलव्य शिक्षक योजना भी कारगार सबित होगी।
अजय शाही, चेयरमैन, आरपीएम एकेडमी
हमने संगठनों के माध्यम से सोने पर इम्पोर्ट डयूटी घटाने की मांग की थी, इससे सोने की तस्करी रुके और लीगल काम करने वाले अच्छे से काम करें। इसकी जगह सोच से हटकर चांदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है, जिससे इसके दाम बढ़ेंगे।
संजय अग्रवाल, डायरेक्टर, परंपरा ज्वेलर्स
बजट प्रोगे्रसिव है। कैपेक्स माइलस्टोन साबित होगा। इकॉनामी को अच्छी ग्रोथ मिलेगी। महिला सम्मान योजना काफी अच्छी पहल है। दो लाख तक निवेश कर सकती है। थोड़ा सा सरकार ने टैक्स शिफ्टिंग की है। कुछ मिलाकर बजट अच्छा है।
सिल्की अग्रवाल, प्रोफेशनल
हाउसवाइफ के दो लाख तक निवेश कर 7.5 प्र्रतिशत का ब्याजदर का फायदा दिया जाएगा, यह बहुत ही अच्छा निर्णय है। वुमेन एंटरप्रेन्योर को स्टार्टअप में बजट में और कुछ रिबेट देनी चाहिए थी।
दिशा टिबरेवाल, वुमेन एंटरप्रेन्योर
रेलवे को अभी तक का सबसे अधिक 2.8 लाख करोड़ मिला है। इससे इन्फ्रास्टक्चर को बढ़ावा मिलेगा। 80 करोड़ लोगों फ्री राशन एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया यह भी अच्छा प्रयास है। टैक्स स्लैब चेंज से फायदा मिलेगा। बजट में युवाओं की स्किल्ड बनाने पर जोर दिया गया।
डॉ। महेंद्र सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर
मोदी सरकार ने ट्रांसपेरेंसी का बात करती है। टैक्स रिबेट 7 लाख कर देने फायदा तो मिलेगा, लेकिन टैक्स को इधर टैक्स लिया गया उधर बढ़ा दिया गया। इससे देखा जाए टैक्स रिबेट का कोई ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा।
भावेश गुप्ता, सीए
पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था बन जाएगी। हालांकि, करदाता पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकते है। नई कर व्यवस्था में प्रति वर्ष 7.5 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है।
सीए राशिद मुस्तफा, सचिव, गोरखपुर चैप्टर
बजट में ई-अदालतों के गठन का तीसरा चरण शुरू करने के लिए 7 हजार करोड़ बजट दिया है, इससे लोगों को त्वरित न्याय मिल जाएगा। वहीं सरकार को पूरी न्याय व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया है। ई-अदालतों मात्र समाधान नहीं है।
वीरेंद्रधर दुबे, सीनियर एडवोकेट
यह पूरी तरह से चुनावी बजट है। किसान और सीनियर सिटीजन के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। नर्सिंग कॉलेज खोलने का निर्णय सही है, लेकिन इसके नॉम्र्स को सरल करने की जरूरत है। टैक्स रिबेट से थोड़ी राहत नौकरी पेशा को मिल सकती है।
डॉ। सुरहिता करीम, सीनियर गाइकोलॉजिस्ट
सरकार को जीएसटी घटना चाहिए था। जिससे महंगाई से राहत मिलती। वर्किंग वुमेन के लिए सरकार को और भी फायदा देना चाहिए। स्टार्टअप को बढ़वा दिया गया। बजट आम आदमी का है। इससे इकॉनॉमी को ग्रोथ मिलेगी। साथ ही सीनियर सिटीजन के हित में भी सरकार को काम करना चाहिए।
वंदना टेकरीवाल, बिजनेस वुमेन