-सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज का एक और फर्जीवाड़ा
- छात्रा ने रिजल्ट के लिए यूनिवर्सिटी का लगाया चक्कर तो खुली पोल
GORAKHPUR: सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज के बीएससी कंप्यूटर साइंस का मामला अभी किसी तरह शार्ट हुआ कि फिर से एक नया फर्जीवाड़ा सामने आ गया। मामला तब खुला जब सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज की छात्रा ने इसकी शिकायत डीडीयूजीयू वीसी प्रो। अशोक कुमार से की। छात्रा के भविष्य को देखते हुए आई नेक्स्ट यहां उसका नाम प्रकाशित नहीं कर रहा है।
नियम विरुद्ध लिया एडमिशन
छात्रा ने बताया कि उसने ख्0क्ब्-क्भ् में एमए फर्स्ट इयर राजनीति शास्त्र में एडमिशन लिया था। उसने ग्रेजुएशन बीएससी से किया था, लेकिन जब वह एमए में एडमिशन के लिए सेंट एंड्रयूज कॉलेज गई तो उसका एडमिशन ले लिया गया। उसने पूरे वर्ष क्लास भी की। उसके बाद परीक्षा फार्म भरा। उसे यूनिवर्सिटी की तरफ से एडमिट कार्ड जारी किया गया और उसने वार्षिक परीक्षा भी दी। लेकिन जब रिजल्ट की बारी आई तो यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट रोक दिया गया। जब रिजल्ट के लिए चक्कर लगाया तो पता चला कि कॉलेज ने नियम विरुद्ध एमए फर्स्ट इयर में उसका एडमिशन लिया था। जिसके चलते उसका रिजल्ट डिक्लेयर नहीं किया गया। मामले में वीसी प्रो। अशोक कुमार ने बताया कि बीएससी से ग्रेजुएट स्टूडेंट एमए में एडमिशन नहीं ले सकता। अगर किसी स्टूडेंट का एडमिशन लिया गया है तो यह नियम विरुद्ध है। ऐसी कंडीशन में कॉलेज और एडमिशन लेने वाला स्टूडेंट जिम्मेदार है। रजिस्ट्रार अशोक कुमार अरविंद ने बताया कि न्यू सेशन में एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट्स को नोटिस जारी कर यह चेतावनी दी गई है कि कैंडिडेट्स किसी कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले उस कॉलेज की संबंद्धता और कोर्स की मान्यता के बारे जानकारी कर लें।
बीएससी पास स्टूडेंट का एमए में एडमिशन लिया जा सकता है कि नहीं यह जानकारी नहीं है। इसके लिए यूनिवर्सिटी की कमेटी से पूछेंगे।
जेके लाल, प्रिंसिपल, सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज