- 14 मार्च से शुरू हुई थी परिषदीय विद्यालयों की वार्षिक परीक्षा
- फ्लाइंग स्क्वॉयड ने किया था निरीक्षण, खुली पोल
GORAKHPUR: यूपी बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा कराने का दावा फेल होता हुआ नजर आ रहा है। बीएसए ने 14 मार्च से शुरू हुए परिषदीय विद्यालयों की वार्षिक परीक्षा को बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर कराने का दावा किया था, लेकिन परीक्षा सेंटर पर आंसर शीट और क्वेश्चन पेपर्स के खुले लिफाफे ने इस दावे की पोल खोल दी। बीएसए की ओर से इस पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
देरी से पहुंच रहे पेपर्स
परीक्षा की तैयारियों के दौरान बीएसए ओमप्रकाश यादव ने दावा किया था कि परीक्षा के दौरान पूरी निगरानी रखी जाएगी। परीक्षार्थी नकल न कर सकें, इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों की एक टीम बनाई गई, जो फ्लाइंग स्क्वॉयड के रूप में काम कर रही है। परीक्षा के पहले ही दिन निरीक्षण में फ्लाइंग स्क्वॉयड को दर्जन भर विद्यालयों में क्वेश्चन पेपर्स और आंसर लेट पहुंचने की शिकायत मिली। इतना ही नहीं जांच करने पर उनके पैकेट भी खुले मिले।
50 परसेंट परीक्षार्थी हैं गायब
फ्लाइंग स्क्वॉयड से जुड़े लोगों की मानें तो बीएसए कार्यालय से ही क्वेश्चन पेपर्स और आंसर शीट समय से नहीं रिलीज कराए जा रहे हैं। इस कारण परीक्षा केंद्रों पर यह लेट पहुंच रहे हैं। महिला थाना कैंपस स्थित प्राथमिक विद्यालय पर मंगलवार को कक्षा 2 से 5वीं तक के परीक्षार्थियों में महज 50 परसेंट ही परीक्षार्थी उपस्थित रहे। विद्यालय की प्रिंसिपल श्यामपति देवी ने बताया कि वहां कुल 61 बच्चे हैं, लेकिन 32 बच्चे ही उपस्थित रहे। जो बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे उनके अभिभावकों को सूचना दी गई है। कुछ बच्चों की तबीयत खराब है जिस कारण वे स्कूल नहीं आ रहे हैं।
पता ही नहीं, किस विषय की परीक्षा
प्रिंसिपल ने बताया कि 16 मार्च को गणित का पेपर है। सुबह की पाली में (9.30 से 11.30 बजे ) गणित लिखित परीक्षा होगी, जबकि दूसरी पाली में (2-5 बजे) मौखिक परीक्षा ली जाएगी। विद्यार्थियों से पूछने पर ये जानकर हैरानी हुई कि ज्यादातर बच्चों को पता ही नहीं था कि अगले दिन किस विषय का परीक्षा है।
कुछ सेंटर्स पर क्वेश्चन पेपर्स और आंसर शीट लेट पहुंचे थे, लेकिन अब दिक्कत नहीं हो रही है। प्रयास किया जा रहा है कि सभी परीक्षार्थी परीक्षा देने आएं।
ओमप्रकाश यादव, बीएसए, गोरखपुर