- दुबई में रहकर पेंट पॉलिश का काम करता था चिलवा का युवक

- बीमारी से हो गई मौत, शव लेकर आया भाई

KAKARAHI: चिलवा गांव में जयप्रकाश के घर में मातम पसरा है। भाई वीरेन्द्र जयप्रकाश का शव लेकर दुबई से चल दिया है। इसकी सूचना मिलते ही घर में एक बार फिर चीख-पुकार मची हुई है। सोमवार को देर शाम तक शव नहीं आया था। सभी शव के आने का इंतजार कर रहे हैं।

नहीं लड़ सका गरीबी से

चिलवा निवासी जयप्रकाश यादव (40) का परिवार गरीब है। वह गरीबी से लड़ने के लिए दुबई चला गया। वहां वह अपने साथ भाई वीरेन्द्र को भी ले गया। दोनों मिलकर पेंट पॉलिश का काम करते थे ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर की जा सके। लेकिन, होनी को कुछ और ही मंजूर था।

तबीयत खराब हो गई

24 मई को अचानक जयप्रकाश की तबीयत खराब हो गई। छोटे भाई वीरेन्द्र ने उसे सारजहां के कौसमिया हॉस्पिटल में एडमिट कराया। डॉक्टर ने बताया कि उसका शुगर बढ़ गया है। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वीरेन्द्र ने घर पर सूचना दी तो परिवार शोक में डूब गया। तभी से परिवार के लोग शव आने का इंतजार कर रहे थे।

निजी खर्चे से लाया शव

जयप्रकाश के पट्टीदार रामगृह यादव ने बताया कि दुबई सरकार व फैक्ट्री के अधिकारियों ने कोई सहयोग नहीं किया। वीरेन्द्र अपने निजी खर्चे से भाई का शव लेकर गांव आया। जयप्रकाश के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी बीए में पढ़ रही है और 2 लड़के भी अभी छोटे हैं।

हे भगवान, मैं क्या करूं

जयप्रकाश की पत्‍‌नी बुधा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह सबसे यही कह रही है कि बच्चों का पालन-पोषण कैसे करेगी। अब वह क्या करें। उनके बिना वह क्या करेगी?