गोरखपुर (ब्यूरो)। बिजली निगम की ओर से कंज्यूमर्स को राहत देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत ब्रेकर और रिले सिस्टम तकनीकी को अपनाया जा रहा है। सिटी के चारों डिवीजन में अलग-अलग फेज में ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद पूरे एरिया में इसका इंप्लीमेंट किया जाएगा। इसका सीधा फायदा आने वाले दिनों में शहर के दो लाख से अधिक कंज्यूमर्स को मिलेगा।

क्या है रिले सिस्टम

रिले सिस्टम का फायदा यह है कि इस सिस्टम के जरिए यह आसानी से पता लग सकेगा कि फाल्ट की लोकेशन कहा पर है। इसके साथ ही यह भी जानकारी की जा सकेगी कि फाल्ट आने की वजह क्या है। बिजली कर्मचारी की ओर से फाल्ट के कारण और फाल्ट प्वाइंट सामने आने के बाद तत्काल मेंटीनेंस वर्क शुरू कर दिया जाएगा। फाल्ट की समस्या को दूर लिया जाएगा और बिजली सप्लाई बहाल कर दी जाएगी। संबंधित एरिया के कंज्यूमर्स को ज्यादा देर तक बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

ब्रेकर सिस्टम से रोस्टर

ब्रेकर सिस्टम के जरिए बिजली सप्लाई बंद और रोस्टर की जाती है। अभी तक यह व्यवस्था 33 व 11 केवी सबस्टेशन के ट्रांसफार्मर्स पर लागू होती थी। इसका लोकल ट्रांसफार्मर पर इंप्लीमेंट करने की तैयारी है। रिले सिस्टम से यह पता चल जाएगा कि किस ट्रांसफार्मर के तहत फाल्ट की समस्या आई है। इसके बाद ब्रेकर सिस्टम के जरिए सिर्फ उसी ट्रांसफार्मर की बिजली सप्लाई बंद कर दी जाएगी। यदि जिस एरिया में फाल्ट होगी उसी इलाके में बिजली गुल होगी। बाकि जगहों पर सप्लाई नार्मल रहेगी।

बारिश में ज्यादा फाल्ट

बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा फाल्ट होते हैं। जिसकी वजह से सप्लाई प्रभावित होती है। इसका खामियाजा कंज्यूमर्स को भुगतना पड़ता है। समस्याओं के निदान के लिए बिजली निगम के जिम्मेदारों ने अच्छी पहल करते हुए फाल्ट की समस्या से कंज्यूमर्स को छुटकारा दिलाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।

कहां कितने ट्रांसफॉर्मर

डिवीजन ट्रांसफार्मर

फस्ट 880

सेकेंड 688

थर्ड 253

फोर्थ 444

टोटल---------- 2265

ट्रांसफार्मर में तकनीकी गड़बड़ी से फाल्ट की समस्या होती है। इसे दूर करने की दिशा में काम किया जा रहा है। ताकि कंज्यूमर्स को बेहतर बिजली सप्लाई मिल सके।

- ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर