गोरखपुर (ब्यूरो)। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में नेशनल इमरजेेंसी लाइफ सपोर्ट सिस्टम नेल्स सेंटर संचालित होने जा रहा है। यह केंद्र व राज्य सरकार की मदद से शुरू किया जा रहा है।

ईस्ट यूपी का पहला सेंटर

ईस्ट यूपी में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में यह पहला सेंटर शुरू हो रहा है, जिसके जरिए मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाले एमबीबीएस छात्र, पैरामेडिकल छात्र, पैरामेडिकल स्टाफ, डॉक्टर, पोस्ट ग्रेजुएट छात्र ओर नर्सिंग स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें उन्हें इमरजेंसी जैसे भूकंप, बाढ़, भवन ध्वस्त होने में घायल मरीजों के पहुंचने पर उन्हें मैसेज करने का तरीका सिखाया जाएगा। इसके अलावा गंभीर हालत में जन्में नवजात, हाईपॉक्सिया, हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, मल्टी ऑर्गन फेल्योर से जूझ रहे मरीजों की जान बचाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

ढाई करोड़ से मंगाई गई मैनिक्विन

प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने बताया कि प्रशासनिक भवन के सेकेंड फ्लोर पर नेल्स सेंटर स्थापित किया गया है। इसमें बेसिक लाइफ सपोर्ट, सीपीआर, बीपी मानने की तकनीक, सिखाई जाएगी। इसके लिए विदेशों से हाई क्वालिटी सेंसर युक्त प्लास्टिक डमी मंगाई गई है। इसे मेनीक्विन कहते हैं। करीब ढाई करोड़ रुपए के अलग-अलग मैनिक्विन मंगाए गए हैं। यह कंप्यूटरराइज्ड हैं। इस सेंटर के संचाने के लिए डॉ। दीपशिखा को नोडल बनाया गया है।

ऐसे दी जाएगी ट्रेनिंग

बताया कि मेडिकल कॉलेज के पास ट्रामा में गंभीर हालत में भर्ती हजारोंं मरीजों के रिकॉर्ड हैं। उनकी हालत की कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। मल्टीपल फ्रैक्चर के मरीज को मैनेज करने के लिए कंप्यूटर में कमांड डाल दिए जाएंगे। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ से मरीज का मैनेजमेंट कराया जाएगा। मरीज की लाइफ सेविंग से मशीन अलर्ट कर देगी। यह मशीन त्वचा में माइक्रो मिती इंजेक्शन लगाने की भी ट्रेनिंग दे सकती है। इसमें मेडिकल कॉलेज के अलावा दूसरे अन्य मेडिकल कॉलेज के भी स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा सकेगी।