- मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही है आग लगने की वजह
- मशीनों का अतिरिक्त लोड व बेतरतीब तारों का जाल
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आए दिन आग लगने की घटनाओं ने मरीजों की पेशानी पर बल डाल दिया है। इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही कम नहीं हो रही है। पिछली बार शॉर्ट सर्किट से आग लगने पर लाखों का सर्जिकल सामान जलकर खाक हो गया था। अभी इसकी जांच पूरी भी नहीं हुई थी कि ट्रॉमा सेंटर के बिजली सप्लाई बोर्ड में आग लग गई। आग लगने का सबसे बड़ा कारण मशीनों का अतिरिक्त लोड और बेतरतीब बिजली के तारों का जाल है।
लोड बढ़ने की वजह
ट्रामा सेंटर में आग लगने की वजह का पता लगाने आई नेक्स्ट रिपोर्टर शनिवार दोपहर 12.30 बजे ट्रामा सेंटर पहुंचा। यहां इमरजेंसी स्टाफ रूम में कुछ हेल्थ इंप्लॉइज बात करने में मशगूल थे। इस बीच एक महिला पहुंची, उसकी पर्ची पर दवा लिखकर भेज दिया गया। उनसे जब ट्रामा सेंटर में आग लगने के कारण पूछा गया तो जवाब देने से कतराने लगे। बहुत कुरेदने के बाद बाद बताया कि ट्रॉमा सेंटर बिल्डिंग में अत्याधुनिक लगी है लेकिन लोड नहीं बढ़ाया गया।
चेंजर बोर्ड का हाल
ट्रामा सेंटर के सीढ़ी के नीचे जहां चेंजर बोर्ड लगा है उसके आस-पास केबल खुला छोड़ दिया गया है। यहां मेडिकल अफसर जांच के लिए पहुंचे थे। उन्होंने भी इसकी वजह लोड बढ़ना ही बताया। इसके बाद रिपोर्टर ओपीडी पहुंचा। यहां दीवार पर लगे चेंजर बोर्ड के तार बाहर निकले थे। बोर्ड टूट कर बाहर निकला हुआ है। इस पर जिम्मेदारों से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कह पाने में असमर्थता जताई। ब्लड बैंक, एक्सरे कक्ष, आई ओपीडी, के साथ गाइनिक इमरजेंसी का हाल भी काफी बुरा है। इस संबंध में जानकारी ली गई तो एक इंप्लाई ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में फाल्ट की समस्या बराबर बनी रहती है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य दफ्तर के सामने भी तार खुले हुए थे।