- ट्रेन हादसे में हुआ था घायल, परिवार का कोई भी सदस्य नहीं है साथ
- पर्ची काउंटर के बाहर पांच दिनों से पड़ा है मरीज
GORAKHPUR: खलीलाबाद रेलवे स्टेशन पर 23 नंवबर को ट्रेन हादसे में 40 वर्षीय सुखदेव दुबे घायल हो गया। जीआरपी ने उसे पास के सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। सुखदेव को पैर और सीने में गंभीर चोट आई थीं। एक हफ्ते से उसका इलाज चल रहा था। इलाज कर रहे डॉक्टर 1 नवंबर को तड़पते हुए हाल में उसे डिस्चार्ज कर दिया। वह अकेले किसी तरह कैंपस परिसर के पर्ची काउंटर पर पांच दिनों से पड़ा है और दर्द से कराह रहा है, लेकिन किसी ने भी उसकी सुधि नहीं ली। इस मामले में जब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। आरपी शर्मा से बात करने की कोशिश की गई, तो कई बार कॉल करने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया।
दर्द से कराह रहा सुखदेव किसी ने भी नहीं ली सूधि
संतकबीर नगर जिले के महुली निवासी 40 वर्षीय सुखदेव दुबे 23 नवंबर की सुबह गोंडा से कृषक एक्सप्रेस में सवार होकर खलीलाबाद आ रहे थे। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर उतरते समय उनका पैर फिसल गया और वह स्टेशन पर ही गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके सीने और पैर में गंभीर चोट आई। जीआरपी ने उन्हें पास के सरकारी हॉस्पिटल में एडमिट कराया, लेकिन डॉक्टर्स ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
भाग गए जिम्मेदार
जीआरपी ने सुखदेव को मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया। इस दौरान वह परिवार को बिना सूचना दिए ही इमरजेंसी में दाखिल कराकर चले गए। मेडिकल कॉलेज में आठ दिनों से उसका उपचार किया जा रहा था, लेकिन उसके साथ कोई परिवार का सदस्य नहीं था। इस हालत में डॉक्टर ने उसे बिना कुछ सोचे समझे डिस्चार्ज कर दिया। वह पांच दिनों से पर्ची काउंटर के बाहर इस ठंड में बीमारी से तड़प रहा है लेकिन किसी ने उसकी सुधि नहीं ली।
संक्रमण रोग का खतरा
सुखदेव की हालत इतनी खराब हो गई है कि शरीर में संक्रमण रोग का खतरा उत्पन्न हो चुका है। उसने बताया कि उसके एक भाई है जो बाहर रहता हैं। परिवार में कोई सदस्य नहीं है जो देखभाल कर सके। पिछले कुछ दिनों से यहां इलाज चल रहा था, लेकिन बिना इलाज करे ही मुझे डिस्चार्ज कर दिया गया। तब से आज तक कैंपस परिसर में ही दर्द से कराह रहा हूं, लेकिन जिम्मेदारों ने सहयोग तक नहीं किया। आज भी मेरी हालत गंभीर बनी है।