- तालुकदार ऑफ अवध के लेखक पवन बक्शी लिख रहे है बीर बहादुर सिंह पर पुस्तक

- हैरी पॉर्टर को पब्लिश करने वाला न्यूयार्क का ब्लूम्स बेटी पब्लिकेशन हाउस 'पूर्वाचल का मसीहा' पुस्तक को करेगा पब्लिश

- वीर बहादुर सिंह ने ही खुलवाया था राम मंदिर ताला, कांग्रेस को हिंदू वोट से जोड़ना

GORAKHPUR : गोरखपुर को प्रदेश और देश के दूसरे शहरों के मुकाबले खड़ा करने वाले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की 52 वर्ष में मृत्यु हो गई। वे फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में भाग लेने गए थे। पेरिस के पहले गीस नाम के शहर के एक होटल में उन्होंने मशरूम सूप पिया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। वहां उनके डॉक्टर दो दिन तक इलाज न करके उनसे यही पूछते रहे कि आप को हुआ क्या है। इलाज के दौरान दो दिनों तक उनके परिवार के लोगों से उनसे मिलने नहीं दिया गया। उनका इलाज करने वाले डॉ। बीके गोयल ने भी उनकी मौत को इलाज में लापरवाही बताया था। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्किराष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त लेखक पवन बक्शी द्वारा लिखी जा रही पुस्तक 'पूर्वाचल का मसीहा' में इसका जिक्र है। वहीं राइटर की मानें तो पूर्व सीएम से जुड़ी कई और अहम बातों का खुलासा होगा।

खुलवाया था राम मंदिर का ताला

पूर्व मुख्यमंत्री स्व। वीरबहादुर सिंह ने ही मुख्यमंत्री रहते हुए राम मंदिर का ताला खुलवाया था। वे कांग्रेस को हिंदुत्व की विचारधारा वाली पार्टी बनाना चाहते थे। उन दिनों अयोध्या में राम मंदिर का ताला तोड़वाने को लेकर उनको पार्टी में काफी विरोध भी झेलना पड़ा था। राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत लेखक संजय बक्शी की इस पुस्तक में उनकी राजनीतिक सोच को भी विस्तार से दिया गया है।

पूर्वाचल राज्य का देखा था सपना

'पूर्वाचल का मसीहा' पुस्तक में इस बात का भी विस्तार से जिक्र है कि वे पर्वाचल को किसी तरह डेवलप करना चाहते थे। स्व। वीर बहादुर सिंह पर लिखी जा रही पुस्तक में उनके सपनों के पूर्वाचल की जानकारी देगी। उन्होंने गोरखपुर अभी कई दर्जन बड़े प्रोजेक्ट लगाने के साथ ही पूर्वाचल राज्य बनाकर गोरखपुर को उसकी राजधानी बनाने का सपना देखा था। वे पूर्वाचल को गन्ने और चीनी उत्पादन का हब बनाना चाहते थे। उन्होंने गोल्फ का मैदान, चाइनिज, जापानी गार्डेन बनाने के लिए प्रस्ताव भी बना लिया था। मगर उनके यह ख्वाब पूरे न हो सके।