- सेकेंड क्लास गेट के पास मिली अटैची

- जिम्मेदारों ने दिखाई हद दर्जे की लापरवाही

GORAKHPUR: गोरखपुर जंक्शन पर सेकेंड क्लास गेट के पास लावारिस अटैची ने हड़कंप मचा दिया। शनिवार की दोपहर मिली अटैची में बम होने की आशंका ने सुरक्षा बलों की पेशानी पर बल ला दिया। भारी पुलिस बल और फायर ब्रिगेड कर्मचारियों की मौजूदगी में अटैची खोली तो उसमें कारपेंटर का औजार निकला। लेकिन इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक लोगों की सांसे अटकी रहीं। अटैची को कब्जे में लेकर पुलिस जांच कर रही है। इन सबके बीच जीआरपी और सुरक्षा बलों की 'जानलेवा दिलेरी' किसी बड़े हादसे को दावत दे सकती थी। सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर उन्होंने खुद को ही बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉयड समझ लिया और बगल में मौजूद पब्लिक को भूलकर बिना सुरक्षा के अटैची खोल डाली।

दोपहर 12 बजे दिखी अटैची

जंक्शन के सेकेंड क्लास रेलवे गेट से भीतर घुसते ही जनरल टिकट का बुकिंग काउंटर है। शनिवार की दोपहर 12 बजे काउंटर के पास वेटिंग हाल में जीआरपी कांस्टेबल शिवजी और राधेराम राव ड्यूटी कर रहे थे। तभी किसी यात्री ने बताया कि गेट से करीब 10 मीटर पूरब की ओर लकड़ी की अटैची पड़ी है। अटैची के पास एक तौलिया और गुदड़ी नजर आई। लावारिस हाल संदिग्ध अटैची देखकर सिपाहियों ने जीआरपी इंस्पेक्टर को सूचना दी। लावारिस वस्तु के मिलने की सूचना पर डीजी सुरक्षा मुख्यालय तक के फोन घनघना उठे। जीआरपी, आरपीएफ, फायर ब्रिगेड, कैंट, शाहपुर सहित कई थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई। लकड़ी की अटैची में बम होने की आशंका में पीएसी के बम डिस्पोजल दस्ता को सूचना दी गई।

खुद खोलकर देखा

लावारिस हाल सामान की सूचना पर जिम्मेदार जमा हो गए। सुरक्षा बलों ने अटैची के पास से लोगों की आवाजाही रोक दी। एक बजे के आसपास पहुंचे फायर ब्रिगेड जवानों ने पानी की पाइप बिछाकर एरिया कवर लिया। डेढ़ घंटे तक इंतजार करने के बाद जीआरपी के दरोगा, आरपीएफ और पुलिस की मौजूदगी में लोगों ने खुद अटैची खोल दी। अटैची में फर्नीचर बनाने का औजार मिला। सामान के साथ कुछ कागजात और डायरी मिली। सामान को कब्जे में जीआरपी और आरपीएफ ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी। लावारिस अटैची में कोई विस्फोटक न मिलने पर सुरक्षा बलों ने राहत की सांस ली। लेकिन इस दौरान जिम्मेदारों की भारी लापरवाही सामने आई। अटैची में बम होने की दशा में बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था।

किसी के पास नहीं सुरक्षा के सामान

लावारिस हाल अटैची मिलने वाली जगह से 50 मीटर की दूरी पर यात्रियों की भीड़ जमा थी। फूड प्लाजा के सामने खड़े पुलिस अफसर और कर्मचारी अटैची को चेक करने का उपाय खोजते रहे, लेकिन किसी के पास सुरक्षा के सामान नहीं थे। आरपीएफ के डॉग स्कवॉयड की मदद से अटैची की परख की गई। थोड़ी उम्मीद जगने पर पुलिस ने बालू की चार-पांच बोरियां मंगाई। उन बोरियों को रखकर पुलिस वालों ने खुद ही अटैची खोल दी। लोगों ने आशंका जताई कि किसी पैसेंजर की अटैची छूट गई होगी। हालांकि यह चर्चा रही कि अटैची सुबह नौ बजे बुकिंग काउंटर के पास देखी ग‌ई्र। बाद में उसे किसी ने बाहर रख दिया। आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस के लोगों ने माना कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए स्टेशन पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होना चाहिए।

इस तरह की लापरवाही आई सामने

- अटैची का राज खोलने में डेढ़ घंटे से अधिक का समय लगा।

- बाहर पब्लिक को अटैची के पास जाने से रोका गया। लेकिन दीवार के दूसरी तरफ बुकिंग काउंटर की ओर लोग बेपरवाह रहे।

- फायर ब्रिगेड के कर्मचारी आग के दौरान पहने जाने वाली स्पेशल ड्रेस से लैस नहीं थे।

- पुलिस के लोग बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के लिए अटैची को खोलने पहुंचे।

- बम डिस्पोजल दस्ता बुलाने के लिए मैसेज पास करने में काफी विलंब हुआ।

लावारिस अटैची मिलने की सूचना पर सुरक्षा कर्मी पहुंचे। परिसर को खाली करा लिया गया था। सुरक्षा के लिहाज पूरी सावधानी बरती गई। जांच में अटैची के भीतर कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। किसी कारपेंटर का सामान निकला।

अतुल शर्मा, एसपी जीआरपी