- 15105 छपरा-गोरखपुर इंटरसिटी में बम की सूचना पर मची अफरा-तफरी

- पैसेंजर के मोबाइल पर आया फोन, कहा भाटपाररानी में लगाया गया बम

- जीआरपी-आरपीएफ ने तत्काल को ट्रेन को खाली कराकर ली ट्रेन की तलाशी

GORAKHPUR: दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म इन दिनों मनचलों के हाथों की कठपुतली सा बन गया है। जब भी कोई भी उन्हें परेशान करना चाहता है, बस एक कॉल कर या एसएमएस चटकाकर उन्हें नचाता है और मजे लेता है। जीएम के मोबाइल पर एसएमएस भेज रेलवे को खूब छकाने के बाद गुरुवार को एक बार फिर कुछ मनचलों ने रेलवे सिक्योरिटी फोर्सेज को खूब दौड़ लगवाई। छपरा से गोरखपुर के बीच चलने वाली 15105 इंटरसिटी एक्सप्रेस में बम होने की बात कर गोरखपुर जंक्शन से लेकर कैंट स्टेशन तक फोर्सेज की खूब कसरत कराई। लास्ट में उनके हाथ कुछ भी नहीं आ सका, लेकिन इसकी वजह से इंटरसिटी 3 घंटे तक प्रभावित रही।

सुबह 9.46 बजे आया फोन

15105 छपरा-गोरखपुर इंटरसिटी सुबह 9.30 बजे गोरखपुर पहुंचती है। अभी वह कुसम्ही स्टेशन के पास पहुंची थी कि इस बीच ट्रेन से गोरखपुर आ रहे देवरिया निवासी धर्मेद्र मिश्रा के मोबाइल नंबर 9455761426 पर सुबह 9:46 पर मो। न। 9648187894 से कॉल आई। उसने अपना नाम विनय शुक्ला बताया और कहा कि कुछ लोगों ने भाटपार रानी में आपकी ट्रेन बम रखा दिया है। धर्मेद्र ने 9.58 पर कैंट स्टेशन पहुंचने के बाद तत्काल इसकी सूचना आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज दिनेश चंद्र को दी। उन्होंने तत्काल ट्रेन से पैसेंजर्स को उतार कर जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

2.54 घंटे तक पैसेंजर्स की अटकी सांसें

इंटरसिटी में बम की सूचना मिलते ही ट्रेन को कैंट स्टेशन पर ही रोक दिया गया। इसके बाद मौके पर पहुंची जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने ट्रेन खाली कराकर चेकिंग शुरू कर दी। भारी फोर्स और ट्रेन में हो रही चेकिंग को देखते हुए पैसेंजर्स की सांसे अटक गई। इसमें कई पैसेंजर्स दहशत में नजर आने लगे। इस दौरान मौके पर जीआरपी की सीओ/प्रभारी एसपी जीआरपी नम्रिता श्रीवास्तव, सीओ विजय सिंह, सिविल पुलिस, पीएसी की बीडीडीएस स्क्वॉयड, आरपीएफ की एंटी सेवोटाज टीम मौके पर पहुंची। डॉग स्क्वॉयड के साथ पूरी ट्रेन की सघनता से तलाशी ली गई। तीन घंटे तक सिक्योरिटी फोर्सेज ने हर डिब्बे में बम तलाश किया। तीन घंटे के बाद जब उन्होंने तसल्ली कर ली, तो उसके बाद 12.52 बजे ट्रेन गोरखपुर जंक्शन के लिए रवाना हुई। बीडीडीएस प्रभारी बृजभान कुमार ने ट्रेन क्लीयर होने का सर्टिफिकेट दिया।

क्वेरी कर भेज दिया घर

ट्रेन में बम की सूचना देने वाले धर्मेद्र मिश्रा से सिक्योरिटी फोर्सेज ने पूछताछ शुरू की। इस दौरान उन्होंने फोन पर मिली सभी इंफॉर्मेशन हासिल की। पूछताछ के बाद जीआरपी की टीम ने उसे छोड़ आई। आई नेक्स्ट से बातचीत में पैसेंजर धर्मेद्र मिश्र ने बताया कि वह पीएसी की 32वीं बटालियन लखनऊ में तैनात हैं। उनका कुछ दिन पहले से केस चल रहा है, जिसकी वजह से वह यहां आए थे। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

इससे पहले जीएम को मिली थी धमकी

इससे पहले भी मनचलों ने रेलवे में सनसनी फैलाने की कोशिश की थी। करीब दस दिन पहले एनई रेलवे के जीएम राजीव मिश्र के मोबाइल फोन पर भी गोरखपुर, कप्तानगंज रेलवे स्टेशन सहित उनके आवास को उड़ाने की धमकी दी गई थी। मैसेज भेजने वाले ने बाकायदा अपना नाम और पता भी लिखा था। इसमें जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि किसी ने जानबूझकर दूसरे को फंसने का मामला सामने आया था। इस मामले में कैंट थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था।

पैसेंजर्स को सेफ यात्रा कराना हमारी प्राथमिकता है। बम की सूचना पर ट्रेन को छावनी स्टेशन पर रोककर जांच कराई गई। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ट्रेन को आगे चलाया गया।

संजय यादव, सीपीआरओ, एनईआर

सूचना मिलते ही मौके पर टीम पहुंच गई। पूरी ट्रेन को खाली कराकर सघन तलाशी ली गई। ट्रेन में कुछ मिला नहीं। पैसेंजर को भी पूछताछ कर छोड़ दिया गया। मामले की जांच चल रही है।

गिरिजा शंकर, इंस्पेक्टर जीआरपी