- यूपी रोडवेज गोरखपुर रीजन के ढाई हजार इंप्लाईज को इश्यू होंगे स्मार्ट आई कार्ड, लगेंगे बॉयोमैट्रिक अटेंडेंस
- पेरोल मैनेजमेंट सिस्टम के तहत इंप्लाईज होंगे ऑनलाइन
GORAKHPUR: यूपी रोडवेज इंप्लाई अगर टाइम पर ऑफिस नहीं पहुंचे तो उनकी सेलरी कटनी तय है। इसके अलावा अभी तक फ्री में बसों में सफर करने वाले इंप्लाईज को अब किराया देकर चलना होगा। क्योंकि यूपी रोडवेज मैनेजमेंट बायोमैट्रिक्स सिस्टम लागू कर रहा है। अब रोडवेज इंप्लाईज के भी बायोमैट्रिक अटेंडेंस लगेंगे। इसके साथ ही उन्हें स्मार्ट आई कार्ड से भी लैस किया जा रहा है, ताकि हर एक इंप्लाई के सारे रिकार्ड विभाग के उच्च अधिकारियों को तुरंत मिल सके। बॉयोमैट्रिक्स और स्मार्ट आई कार्ड सिस्टम प्रक्रिया गोरखपुर रीजन में शुरू कर दी गई है।
बॉयोमैट्रिक्स पर अटेंडेंस, स्मार्ट आईकार्ड से होंगे लैस
यूपी रोडवेज गोरखपुर रीजन के सभी आफिसेज में बॉयोमैट्रिक्स सिस्टम लगाए जा रहे हैं। चाहे आफिस में काम करने वाला इंप्लाई हो या फिर फील्ड में। सभी के अटेंडेंस बॉयोमैट्रिक्स के थ्रू ही होंगे। करीब ढ़ाई हजार से उपर इंप्लाईज को स्मार्ट आई कार्ड इश्यू किया जा रहा है। ताकि हर एक इंप्लाईज की मानिटरिंग उच्च अधिकारियों द्वारा ऑन लाइन की जा सके। इस नई व्यवस्था को पेरोल मैनेजमेंट सिस्टम के तहत शुरू किया गया है।
क्या है इसकी खासियत
पेरोल मैनेजमेंट सिस्टम के तहत इंप्लाईज की पूरी डिटेल्स आसानी से मिल सकेगी। इसके तहत इंप्लाईज के डिटेल्स जैसे- इंप्लाई कोड, इंप्लाइ नेम, जेंडर, आरटीजीएस कोड, मैरिड स्टेट्स, एकाउंट नंबर, आधार नंबर, परमानेंट एड्रेस, पैन नंबर, एनपीएस नंबर क्वालिफिकेशन, जीआईएस, ईपीएफ कोड, डेजीगनेशन, जीपीएफ कोड, डेट ऑफ ज्वाइनिंग, ग्रेड पे, डेट ऑफ रिटायरमेंट, बेसिक सेलरी, मोबाइल नंबर, इमेल आईडी, लाइसेंस नंबर व फोटो के बारे जानकारी आसानी से मिल जाएगी। अभी तक इंप्लाईज को ये सब मैनुअली होते थे। रोडवेज इंप्लाईज को अपने स्टेटस के बारे में जानकारी लेने के लिए क्लर्क के चक्कर लगाने पड़ते थे और बिना चढ़ावा दिए जानकारी नहीं मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
अब इंप्लाईज को भी लेना होगा टिकट
अभी तक भाई-भतीजावाद के चक्कर में रोडवेज इंप्लाईज बसों में फ्री ऑफ कास्ट सफर कर लेते थे, लेकिन अब वह बिना आईकार्ड दिखाए सफर नहीं कर सकेंगे। कंडक्टर उस आईकार्ड को ईटीएम में स्वैप कर उसकी पूरी डिटेल्स अपने पास रखेगा। ताकि बस के भीतर पैसेंजर्स और स्टाफ के संख्या को आसानी से काउंट किया जा सके। ऑन ड्यूटी अगर कोई स्टाफ सफर करता है तो उसकी सेलरी में कोई कटौती नहीं होगी। कई बार फर्जी ढंग से भी रोडवेज बसों में स्टाफ बनकर यात्री निकल लेते थे, लेकिन इस साफ्टवेयर के आ जाने से ऐसा नहीं हो सकेगा।
उच्च अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग
मैनुअली सबकुछ होने से यूपी रोडवेज हेड क्वार्टर में बैठे आफिसर्स को इंप्लाईज की कमियों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती थी, लेकिन ऑन लाइन व्यवस्था हो जाने से अब लखनऊ टेढ़ी कोठी में बैठे अधिकारी इसकी पूरी मानिटरिंग कर सकेंगे। इसके लिए लखनऊ हेड क्वॉटर्र में टीम का भी गठन किया गया है, जो हर दिन की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को देगा। वहीं इस नये सिस्टम के आ जाने से यूपी रोडवेज के इंप्लाईज के बीच हड़कंप मचा हुआ है।
फॉर योर इंफॉर्मेशन
संविदा परिचालक - 9क्ख्
संविदा चालक - ब्8ब्
आफिसेज परमानेंट इंप्लाईज
आरएम आफिस - क्0भ्
एसएम ऑफिस - ख्भ्
गोरखपुर डिपो - फ्79
बस्ती डिपो - ख्ख्9
देवरिया डिपो - क्8ख्
राप्तीनगर डिपो - ख्फ्क्
निचलौल डिपो - 90
सिद्धार्थनगर डिपो - 8ब्
सोनौली डिपो - ब्0
पडरौना डिपो - ब्9
पेरोल मैनेजमेंट सिस्टम के तहत सभी इंप्लाईज ऑन लाइन हो चुके हैं। इसके अलावा सभी इंप्लाईज को स्मार्ट आई कार्ड से भी लैस किया जा रहा है ताकि काम में ट्रांसपेरेंसी बनी रहे।
सुग्रीव कुमार राय, आरएम, यूपी रोडवेज गोरखपुर रीजन