- कंट्रोल रूम बताएगा 15 जिलों के व्हीकल का रिकॉर्ड
- शिकायत करने पर चेकिंग के दौरान फौरन पुष्टि कर सकेगी पुलिस
GORAKHPUR: जिले में व्हीकल चुराना, लूट कर भागना काफी मुश्किल होगा। चेकिंग के दौरान पुलिस को बदमाश झांसा नहीं दे पाएंगे। किसी भी चौराहे या गली में उनकी पोल खुल जाएगी। गोरखपुर पुलिस ने ऐसा इंतजाम किया गया है जिसके सहारे वह पता लगा सकेंगे। एसएसपी ने कहा कि प्रयोग के तौर पर सिस्टम ने काम करना शुरू कर दिया है।
क्भ् जिलों के व्हीकल का डाटा किया इकट्ठा
व्हीकल की बरामदगी होने पर ऑनर की तलाश में पुलिस को भटकना पड़ता है। आरटीओ खुलने पर व्हीकल के संबंध में पूरी जानकारी मिल पाती थी। मौके पर जांच का पुख्ता इंतजाम न होने से कई बार बदमाश पुलिस को झांसा देकर निकल जाते थे। इससे निपटने के लिए पुलिस ने एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया। पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़े सॉफ्टवेयर के जरिए पुलिस आसानी ने व्हीकल के संबंध में जानकारी ट्रेस कर रही है। गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ मंडलों के साथ ही लखनऊ शहर को इसके तहत जोड़ा गया है। सॉफ्टवेयर में सभी प्रकार के व्हीकल का डॉटा कलेक्ट कर रिकार्ड बनाया गया है।
दो महीने में पुलिस करती रहेगी डाटा अपडेट
अफसरों का कहना है कि चेकिंग के दौरान कई बार लोग पुलिस को झांसा देते हैं। फर्जी कागज के आधार पर बच निकलते हैं, लेकिन कंट्रोल रूम में रिकार्ड होने से पुलिस कर्मचारी मौके से जांच कर पुष्टि कर सकेंगे। इसलिए दो माह के भीतर डाटा अपडेट किया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों के आरटीओ की मदद ली जाएगी। मुकदमे में उपयोग करने के लिए आरटीओ की लिखापढ़ी में रिकार्ड मंगाया जाएगा। एसएसपी ने बताया कि नये सॉफ्टवेयर के प्रयोग से बेलघाट में लूट की दो बाइक पकड़ी गई। बदमाशों ने फर्जी कागज के सहारे बच निकलने की कोशिश की। कंट्रोल रूम में मौजूद रिकार्ड से जब जांच की गई तो नाम, पता, इंजिन नंबर, चेचिस नंबर और कलर पर शक हुआ। जांच में पता लगा कि संतकबीर नगर से लूटी बाइक लेकर बदमाश चल रहे हैं।
नये प्रयोग से बेलघाट में पुलिस को कामयाबी मिली। प्रयोग सफल होने पर इसको पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। रोड पर जांच के दौरान पुलिस व्हीकल के संबंध में जानकारी जुटा सकेगी। इससे कोई बदमाश, लुटेरा पुलिस को झांसा नहीं दे पाएगा।
रामकृष्ण भारद्वाज, एसएसपी