-घर में कार के बावजूद मॉर्निग में करते हैं साइकिलिंग

GORAKHPUR: जिंदगी का सबसे सुनहरा दौर है तो वह है बचपन। फिर अगर बचपन की बात करें और दोस्तों की टोली के साथ मस्ती और साइकिल का जिक्र न हो, ऐसा मुमकिन नहीं है। इस भागती जिंदगी में न बचपन की मस्ती रह गई और न दोस्तों के साथ साइकिल का सफर। मगर शहर में ऐसे भी कई युवा है, जिन्होंने साइकिल के साथ अपने बचपन की दोस्ती और मस्ती को बरकरार रखा है। यह बात अलग है कि तब साइकिल जरूरत के साथ मस्ती के लिए चलाते थे और अब फिटनेस के साथ मस्ती के लिए। सिटी के म् यूथ जो अपनी लाइफ में पूरी तरह सक्सेस है, घर में बाइक ही नहीं, बल्कि कई कार भी है। मगर साइकिल से उनका नाता नहीं छूटा। बिजनेस लाइफ में कोई इफेक्ट न पड़े, इसके लिए ये सभी यूथ दिन के बजाए मॉर्निग में एक साथ साइकिलिंग करते हैं। करीब एक घंटे साइकिलिंग कर ये न सिर्फ खुद को फिट रख रहे है बल्कि लोगों को अवेयर भी कर रहे हैं।

कार और आराम के बावजूद नहीं छूटा साइकिल का साथ

पुनीत अग्रवाल, कन्हैया सराफ, कनकहरि अग्रवाल, गौरव जिंदल, विनीत अग्रवाल और नवनीत सिंहानिया। ये सभी नाम सिटी की सक्सेस पर्सनॉलिटी में से एक हैं। बड़ा घर है। कामकाज के लिए नौकर है। चलने के लिए कार है। इसके बावजूद बचपन की साथी साइकिल का साथ इनका अब तक नहीं छूटा। स्कूल की पढ़ाई खत्म हुई, मतलब जरूरत खत्म हुई और साइकिल का साथ छूट गया। मगर शौक खत्म नहीं हुआ। तभी लाइफ में सक्सेस होने के बाद शौक कार पर भारी पड़ा और एक बार फिर साइकिल की सवारी शुरू हो गई। इस बार साइकिल जरूरत नहीं बल्कि फिटनेस के लिए शुरू की। ये ग्रुप डेली सुबह अपने घर से गौशाला तक साइकिल से जाते हैं और फिर वापस आते हैं। मतलब डेली क्भ् से क्म् किमी साइकिल से चलना इनके रूटीन में शामिल है। ऐसा एक भी दिन नहीं जाता जब ये साइकिल से सैर पर न निकले। ये सभी अपनी सेहत बनाने के साथ लोगों को साइकिल से चलने के प्रति अवेयर भी कर रहे हैं।

वर्जन-

साइकिलिंग सबसे अच्छी एक्सरसाइज है। मगर भागती जिंदगी में एक्सरसाइज के लिए टाइम निकालना बहुत मुश्किल था। इसलिए मॉर्निग वाक के बजाए साइकिलिंग शुरू कर दी। साथ ही डेली हम लोग गौ सेवा करने के लिए कार से गौशाला जाते थे। मगर अब हम लोग साइकिल से जाते है। इससे न तो टाइम की बर्बादी होती है और सेहत भी फिट है।

पुनीत अग्रवाल, अध्यक्ष जेसीआई

बिजी लाइफ में एक्सरसाइज के लिए समय निकालना भी मुश्किल होता है। इसलिए मॉर्निग में हम ग्रुप के साथ डेली साइकिलिंग करते हैं। साइकिलिंग से वाक के साथ एक्सरसाइज दोनों एक ही टाइम पर हो जाती है। साथ ही साइकिलिंग से स्टेमिना मजबूत होता है।

कनकहरि अग्रवाल, ओनर एसएस एकेडमी

फिटनेस के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। मगर एक्सरसाइज के लिए टाइम निकालना मुश्किल होता है। हम लोग कार से गौशाला जाते थे। मगर फिर हम लोगों ने सोचा कि साइकिल से गौशाला चला जाए। जिससे उसी टाइम में एक्सरसाइज भी हो जाएगी। तीन माह से साइकिलिंग कर रहे हैं। तब से स्टेमिना में काफी इफेक्ट पड़ा है। साथ ही कोशिश करते हैं कि अधिक से अधिक लोग साइकिलिंग करें।

गौरव जिंदल, बिजनेसमैन