- बाइक लिफ्टर गैंग चढ़ा जीआरपी के हत्थे
- टीम के 6 मेंबर्स को जीआरपी ने किया गिरफ्तार, 1 अब भी फरार
- चोरी की गई 14 मोटरसाइकिल बरामद
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : गोरखपुर जंक्शन से गाडि़यां उड़ाकर ऑन डिमांड सप्लाई करने वाली दुकान पर जीआरपी का ताला लग गया। फ्राइडे मिडनाइट जीआरपी की टीम ने स्टेशन से गाडि़यां उड़ाने वाले शातिर गैंग को धर दबोचा। उनके पास से 14 बाइक्स बरामद की गई हैं, जबकि उन्होंने 100 से ज्यादा गाडि़यों को बेचने की बात कबूल की है। गैंग के 6 मेंबर्स को जीआरपी ने विभिन्न धाराओं में जेल भेज दिया है, जबकि इस गैंग का एक मेंबर अब भी गिरफ्त से बाहर है। घटना का खुलासा करते हुए एसपी जीआरपी हरीश चंदर ने बताया कि टीम को कैश प्राइज से सम्मानित किया जाएगा।
देर रात हत्थे चढ़े शातिर
एसपी जीआरपी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में स्टेशन कैंपस से काफी गाडि़यां चोरी होने की शिकायत मिल रही थी। इसको सीरियसली लेते हुए जीआरपी प्रभारी गिरजा शंकर त्रिपाठी की अगुवाई में टीम फॉर्म की गई। इसमें सुधीर सिंह, राघवेंद्र मिश्र, हरेश तिवारी, किसलय मिश्रा, रंजीत पांडेय, संदीप यादव, विजय सिंह, सुरजीत सिंह, जयप्रकाश यादव, चौथीराम, कुंदन सिंह, अवधेश यादव, संदीप शर्मा और अभिषेक मिश्रा शामिल हैं। कई दिनों तक टीम ने गश्त और छापेमारी की। टीम को बड़ी कामयाबी मिली और स्टेशन कैंपस से दो शातिरों को रंगे हाथ धर दबोचा। उनसे पूछताछ के बाद 27 जून भोर करीब 12.35 पर सभी मेंबर्स को 14 मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार कर लिया।
जेल से ऑपरेट होता था गैंग
पकड़े गए अभियुक्तों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है, जो गाडि़यां चोरी करता है। गैंग के मुखिया आशीष सिंह और शाहरुख शेख जो जेल में बंद है, जेल से ही मोबाइल पर उन्हें गाइड किया करते थे। गिरोह के मेंबर्स चोरी के वक्त गाडि़यों के आसपास खड़े होकर निगरानी करते थे और आपस में बातचीत करते हुए गाड़ी का लॉक खोल कर वहां से हट जाते हैं। इसके बाद गैंग के दूसरे मेंबर्स मौके का फायदा उठाकर गाडि़यों को वहां से लेकर निकल जाया करते थे। वह चोरी की गाडि़यों का नंबर प्लेट चेंज कर, खरीदार को कागजात देने का आश्वासन देकर बेच देते थे।
दूसरे स्टैंड पर खड़ी कर देते थे गाडि़यां
प्रभारी ने बताया कि स्टेशन कैंपस से उड़ाकर वह गाडि़यों को दूसरे स्टैंड पर ले जाकर खड़ी कर देते थे। गिरोह के मेंबर्स देवरिया, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर तक गाडि़यों को लेकर जाते और वहां के रेलवे, बस और मॉल के स्टैंड में खड़ी कर देते थे। ग्राहक तय होने पर वह सुविधानुसार गाडि़यां बेच देते थे। गिरजा त्रिपाठी की मानें तो उन्होंने 100 से ज्यादा गाडि़यां बिहार और नेपाल में बेचीं हैं। उन्होंने बताया कि आशीष और शाहरुख के विरुद्ध 120बी में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। वहीं दूसरे थानों से भी इनके क्राइम रिकॉर्ड का ब्योरा मंगवाया गया है।
यह हैं शातिर -
- अनूप तिवारी उर्फ नितेश पुत्र राजेश तिवारी, नि-रामनाथ देवरिया, देवरिया
- उदितांशु त्रिपाठी उर्फ रिशू उर्फ डेविड पुत्र पुण्य प्रताप त्रिपाठी, नि-राघवनगर सीसी रोड, देवरिया
- अविनाश पांडेय उर्फ निक्कू उर्फ राहुल, पुत्र शुत्रुघ्न पांडेय, नि-रामनाथ देवरिया, निकट चटनी गड़ही, देवरिया
- प्रेमशंकर मिश्र उर्फ गोलू पुत्र नागेंद्र मिश्र, नि-रामनाथ देवरिया, निकट चटनी गड़ही, देवरिया
- चंदन यादव पुत्र फुललाल यादव, नि-चौरडिहा, देवरिया
- आशुतोष सिंह, पुत्र अनिल सिंह, नि-बौलीलार, देवरिया
यह हैं मोटर साइकिल
अपाचे 5, डिस्कवर 3, पैशन प्रो 2, स्प्लेंडर 1, स्प्लेंडर प्लस 1, बजाज प्लेटिना 2