- गोला में सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा
GOLA BAZAR:
भारतवर्ष ऐसा देश है, जहां देवतागण भी वास करने के लिए लालायित रहते हैं। भारत की जलवायु, तीर्थ धाम, पवित्र नदियां और सभी धर्माचार्यो का संगम अनूठा मिसाल पेश करता है। देवतागण ब्रह्माजी से कहते हैं कि अगर मृत्युलोक में जगह दें तो एक भी क्षण की आयु दें तो भारत देश में दें। इस धार्मिक देश में लोग अपने को समाहित करने के लिए सदैव उत्सुक बने रहते हैं। ये बातें उपनगर गोला के भिखीगंज में रुद्र शंकर भारती के घर आयोजित संगीतमय सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन वृंदावन से पधारे कथावाचक महाराज पुरुषोत्तमाचार्य ने कही।
विश्वास रूपी देवता हैं शिव
महाराज पुरुषोत्तमाचार्य ने शिव सती चरित्र का उल्लेख किया। कहा कि सती श्रद्धा स्वरुपा हैं। भगवान शिव विश्वास रूपी देवता हैं। भगवान शिव का वाहन नंदी हैं। धर्म रूपी नंदी पर श्रद्धा विश्वास जब तक रहता है तब तक श्रद्धा स्वस्थ रहती है। भगवती का वाहन सिंह है। श्रद्धा जब एकांगी बनकर अपने वाहन सिंह पर जाती हैं। भागवत कथा सुनने के लिए क्षेत्र के लोगों की भीड़ जुट रही है।