गोरखपुर (ब्यूरो)।पुलिस ने बताया कि जिगरी दोस्त दिलीप सिंह ने ही भाजपा नेता को गमछा बांधकर गोली मारी थी। खून अधिक निकल जाने की वजह से मेडिकल कॉलेज में भाजपा नेता की मौत हो गई। किसी से दुश्मनी या वजह ना मिलने से पुलिस के लिए हत्या की गुत्थी सुलझाना आसान नहीं था।
ब्लाइंड मर्डर में दोस्त निकला आरोपी
एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि ब्लाइंड मर्डर को खोलने के लिए गोला थाने की पुलिस हर पहलुओं पर जांच कर रही थी। पुलिस मन्नीपुर में जहां भी पूछताछ कर रही थी वहां पर लोग दबी जुबान से नित्यप्रकाश के दोस्त दिलीप का ही नाम ले रहे थे।
प्रेमी-प्रेमिका की तरह थे दोस्त
मन्नीपुर में रहने वाले लोगों का कहना था कि पूरे इलाके में नित्यप्रकाश और दिलीप की दोस्ती मशहूर थी। लोगों ने यहां तक बताया कि दोनों प्रेमी-प्रेमिका की तरह रहते थे। वहीं घरवाले भी दिलीप पर जरा भी शंका नहीं जाहिर कर रहे थे।
दोस्त ने मारी गोली, भर्ती भी कराया
पुलिस की जांच में पता चला कि नित्यप्रकाश को गोली लगने के बाद परिवार के लोगों ने दिलीप को कॉल कर बुलाया। मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने से लगाए अंतिम संस्कार में दिलीप ने बढ़चढ़ कर हिस्सा भी लिया। इस वजह से भी पुलिस का शक दिलीप की तरफ नहीं जा रहा था।
बेटी और पत्नी पर रखता था बुरी नियत
कुछ सबूत मिलने पर पुलिस ने दिलीप को अरेस्ट किया। इसके बाद दिलीप ने खुद ही सारी बात कबूल कर ली। दिलीप ने बताया कि नित्यप्रकाश उसकी पत्नी और बेटी पर बुरी नजर रखता था। उसने बताया कि इसके लिए कई बार नित्यप्रकाश को उसने वार्निंग भी दी, लेकिन वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। इसके साथ ही नित्यप्रकाश दिलीप के स्कूल टीचर्स से भी छेड़छाड़ करता था। पुलिस के अनुसार दिलीप नित्यप्रकाश को मारना नहीं बल्कि घायल करना चाह रहा था।
रात में गमछा पहनकर पहुंचा दिलीप
दिलीप ने बताया कि उसे पता था कि नित्यप्रकाश रात में नशे का गोला खाकर घर के बाहर बरामदे में सोता है। इसलिए 23 मई की रात करीब 12 बजे वह रात लाइसेंसी पिस्टल, हथौड़ी और मिर्च पाउडर लेकर पहुंचा। उसने जैसे ही मच्छरदानी हटाई अंदर से नित्यप्रकाश दौड़ पड़ा। इस वजह से जल्दबाजी में दिलीप ने नित्यप्रकाश पर गोली चलाई, जो कि पेट से नीचे की तरफ लगी। पुलिस ने दिलीप के पास से पिस्टल और कारतूस बरामद किया है।
सीआरपीएफ से डेढ़ साल पहले ली वीआरएस
दिलीप सीआरपीएफ से डेढ़ साल पहले वीआरएस ली थी। इसके बाद वो मन्नीपुर में अधिक समय नित्यप्रकाश के साथ बिताता था। ढाई साल से दिलीप और नित्यप्रकाश प्रेमी प्रेमिका की तरह साथ रहते थे। सूत्रों की माने तो दिलीप और नित्यप्रकाश को लेकर पूरे इलाके में कुछ और भी चर्चा रहती थी।