गोरखपुर (ब्यूरो)।गोरखपुर में कई ऐसे परिवार हैं, दुर्घटना में जिनके अपने की हेड इंज्युरी से मौत हुई है। आज भी उनकी आंखों से अपने घर के सदस्य को खो देने की वजह से आंसू आते हैं और उनकी दबी जुबान से यही बात निकलती है कि काश उस दिन उन्होंने हेलमेट पहना होता तो आज वो हमारे बीच होते। ऐसे परिवारों के लोग अपील कर रहे हैं कि हेलमेट लगाकर अनमोल जिंदगी का मोल बढ़ाए।
सिर में चोट लगी और जान चली गई
फलमंडी एरिया निवासी योगेश्वर की दुर्घटना में मौत हो गई। सितंबर माह में वे ऑफिस से कहीं निकले थे तभी रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया। आनन-फानन में परिवार और मित्रों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। परिवार के लोगों ने बताया कि हैरान कर देने वाली बात थी कि शरीर पर कहीं भी गहरी चोट नहीं आई थी। लेकिन सिर पर जो चोट लगी थी, उसकी वजह से वो कोमा चले गए। परिवार के लोगों ने बताया कि इसके बाद गोरखपुर से लगाए लखनऊ के बड़े अस्पताल तक गए। लेकिन कोई डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाया। परिवार के लोगों ने कहा कि हमेशा हेलमेट पहनकर चलने वाले योगेश्वर के सिर में ना जाने कैसे चोट लग गई। जो जानलेवा साबित हुई। परिवारीजनों का कहना है कि जिंदगी अनमोल है। इसलिए दोपहिया चलाने वाले हेलमेट लगाकर सिर को सशक्त सुरक्षा कवच दें।
हेलमेट होता तो नहीं लगाने पड़ते पीजीआई के चक्कर
शाहपुर एरिया के शिवपुर सहबाजगंज शालीकराम निवासी श्रीलाल शर्मा का पुत्र सुनील शर्मा 28 सितंबर को बाइक से अपने दोस्त के साथ रेल विहार की ओर जा रहे थे। इस दौरान सामने से आ रही गाड़ी ने टक्कर मार दी। इसमें सुनील शर्मा के सिर में गंभीर चोट आ गई। हादसे की जानकारी होने पर उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टर्स ने पीजीआई के लिए रेफर कर दिया। जानकारी के मुताबिक लखनऊ के सहारा हॉस्पिटल में अचेत अवस्था में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने डेढ़ माह तक इलाज किया। इलाज काफी महंगा होने की वजह से परिजनों की माली हालत खराब हो गई। उन्होंने दोस्त और रिश्तेदारों से मदद ली। बाद में उन्हें लखनऊ से गोरखपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अभी वह कोमा में हैं। उनके दो बच्चे है, बड़ी बेटी और दूसरे नंबर का बेटा है। सुनील शर्मा के पिता मैजिक चलाकर अपने बच्चे का इलाज करा रहे हैं। सुनील के साथ हमेशा हेलमेेट होता था, लेकिन पता नहीं कैसे उस दिन भगवान हम सभी से रूठ गए और हादसा हो गया। इसे लेकर परिवार के लोग काफी चिंतित है और भगवान से मना रहे है की वजह ठीक हो जाएं। साथ ही उन्होंने अपील की है कि दोपहिया चलाते समय हेलमेट जरूर लगाएं।
हेड इंज्युरी से जुड़ी खास बातें
1. अगर खोपड़ी और ड्यूरा मैटर के बीच चोट लगने से रक्त का जमाव होता है तो उसे एक्स्ट्रा ड्यूरल हैमरेज कहते हैं।
2. चोट की वजह से कई बार मिर्गी के दौरे पडऩे लगते हैं तो मिर्गी की दवाई शुरू की जाती है, ये दवाइयां साल दो साल तक चल सकती हैं।
3. कभी-कभी मरीज को बेहोशी की स्थिति में वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत पड़ जाती है, कोमा में मरीज महीनों तक रह सकता है।
हेलमेट हमेशा आईएसआई मार्क वाला ही परचेज करें और अपने साइज का लेें। हेलमेट लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह आरामदायक फिट हो। बहुत अधिक तंग होने से आपको डगमगाने या दम घुटने जैसा महसूस हो सकता है।
डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक