गोरखपुर (ब्यूरो)। जो मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। कई एम्बुलेंस में पेशेंट्स के लिए जरूरी संसाधन भी नहीं हैं। हैरानी की बात यह है कि हेल्थ डिपार्टमेंट से साल 2023 में अब तक सिर्फ 5 एम्बुलेंस को ही हेल्थ संबंधी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी की गई है। जबकि गोरखपुर आरटीओ में 515 एम्बुलेंस रजिस्टर्ड हैं।

बिना फिटनेस दौड़ रही एम्बुलेंस

शासन ने एम्बुलेंस को लेकर जनवरी में नए फिटनेस नियम जारी किए थे। शहर में दौड़ रहीं 216 एम्बुलेंस नियमों को पूरा नहीं करती हैं। एम्बुलेंस में वह उपकरण व सुविधा नहीं हैं, जो नार्मल एम्बुलेंस में होना अनिवार्य है। शासन से जारी नए नियमों में एम्बुलेंस को फिटनेस कैटेगरी के तहत चार श्रेणी में बांटा गया है।

चिकित्सा अधिकारी चेक करते मानक

एम्बुलेंस को फिटनेस आरटीओ ऑफिस में कराने से पहले हेल्थ डिपार्टमेंट के निर्धारित चिकित्सा अधिकारी से उसकी जांच करा सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है, जिसमें चिकित्सा अधिकारी की यह ड्यूटी होती है कि वह फिटनेस के लिए आई एम्बुलेंस को चेक कर यह देख कि उसमें मानक के मुताबिक उपकरण, मेडिसिन समेत अन्य सुविधाएं हैं या नहीं, जिसके बाद वह एम्बुलेंस को फिटनेस के लिए एनओसी जारी करेगा। इसी अधार पर आरटीओ में गाड़ी की फिटनेस होगी।

मापदंडों की अनदेखी

ए कैटेगिरी एंबुलेंस में क्या-क्या मेडिकल उपकरण व सुविधाएं होनी चाहिए। इसकी पूरी लिस्ट तैयार कर जिम्मेदार अधिकारियों को भेजी गई थी। इसके बावजूद एम्बुलेंस की फिटनेस के दौरान इन मानकों की अनदेखी कर दिया जाता है।

ए कैटेगिरी की एंबुलेंस में क्या जरूरी

वेंटीलेटर विद् ऑक्सीजन इनलेट

पोर्टेबल मैनुअल सक्शन मशीन

इंफ्यूजन मॉनटिंग

मैटेरियल फॉर ट्रीटमेंट ऑफ वाउंडस

मैटेरियल ऑफ ट्रीटमेंट ऑफ बन्र्स एंड करोसिव

किडनी बाउल, वॉमिटिंग वैग

नॉन ग्लास यूरिन बोतल

शार्प कंटेनर

वेस्ट बैग

सफाई और टीकाणुशोधन सामग्री

वार्निंग ट्रेंगल लाइन

स्पॉट लाइट

फायर एक्सटिंग्विशर

रेडिया ट्रांसमीटर

बी कैटेगिरी की एंबुलेंस में क्या जरूरी

मैन स्ट्रेचर, पोर्टेबल ऑक्सीजन, वेंटीलेटर विद ऑक्सीजन इनलेट, पोर्टेबल मैनुअल सक्शन मशीन, मैटेरियल फॉर ट्रीटमेंट ऑफ वाउंड, किडनी बाउल दो, वोमिटिंग बैग दो, नॉन ग्लास यूरिन बोतल, शार्प कंटेनर, वेस्ट बैग, नॉन वूवन स्ट्रेचर शीट, रिफलेक्टिव जैकेट, सफाई और कीटाणुशोधक सामग्री, सीट बेल्ट कटर, स्पॉट लाइट, वर्निंग ट्रेगल लाइट, फायर एक्सटिंग्विशर।

सी कैटेगिरी की एंबुलेंस में क्या जरूरी

मैने स्ट्रेचर, पिकअप स्ट्रेचर, सर्वाइकल इमोबिलाइजेशन डिवाइस, अपर स्पाइनल इमोबिलाइजेशन एक्स्ट्रेशन डिवाइस, पोर्टेबल ऑक्सीजन कंस्ंट्रेटर्स, मास्क एंड एयरवेस ऑक्सीजन रिजर्वायर, इलेक्ट्रिक पोर्टेबल सक्शन एस्पिरेटर, बीपी मॉनिटर, पोर्टेबल सक्शन एस्पिरेटर मैनुअल, ऑक्सीमीटर, टर्मोमीटर, डिवाइस फॉर ब्लड शुगर डॉटर्मिनेशन, डाइग्नोस्टिक वार्निंग ट्रेंगल, स्पॉट लाइट।

डी कैटेगिरी की एंबुलेंस में क्या जरूरी

मैन स्ट्रेचर, पिकअप स्ट्रेचर, फैक्चर का स्थिरीकरण सेट, वेस्ट बैग, सर्जिकल ग्लब्स पेयर, शार्प कंटेनर, नॉन ग्लास यूरिन बोतल, किडनी बॉउल, वोमिटिंग बैग, पोर्टेबल एडवारड रिससिटेशन सिस्टम, सर्वाइकल अपर स्पाइनल इमोबिलाइजेशन डिवाइस, बीपी मॉनिटर, ऑक्सीजन, टर्मोम्ीटर, डिवाइस फॉर ब्लड शुगर डॉटर्मिनेशन, डाइग्नोस्टिक, वार्निंग ट्रेगल लाइट, स्पॉट लाइट, नार्मल सेलाइन इंफ्यूजन, कार्डियक मॉनीटर, एक्सटर्नल कार्डियक पेसिंग, आसव समाधान मीटर, प्रेशर इंफ्यूजन डिवाइस।

515 एम्बुलेंस आरटीओ मेें रजिस्टर्ड

216 एम्बुलेंस हैं अनफिट

299 एम्बुलेंस का हो चुका है फिटनेस

5 एनओसी हेल्थ डिपार्टमेंट से जारी

एम्बुलेंस में संसाधनों और अन्य सुविधाओं की जांच करने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से टीम गठित की गई है, जो मेडिकल फैसिलिटी चेक करती है। इसके बाद टीम अपनी रिपोर्ट आरटीओ को भेज देती है। रिपोर्ट के आधार पर आरटीओ फिटनेस जारी करता है।

डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर

केस 1

यूपी53एटी 3235 नंबर की एम्बुलेंस छापडिय़ा हॉस्पिटल के नाम से रजिस्टर्ड है। इसका 11 अगस्त 2021 को बीमा समाप्त हो चुका है। 18 सितंबर 2021 को फिटनेस भी खत्म हो गई है।

केस 2

यूपी53डीटी4329 नंबर की एम्बुलेंस श्री चंद्रा गुड्स कैरियर के नाम से रजिस्टर्ड है। 3 जून 2017 को बीमा समाप्त हो चुका है। ट्रैफिक नियमों का उलंघन करने पर दो बार 500-500 रुपए का चालान भी कट चुका है।

केस 3

यूपी53सीटी8864 नंबर की एम्बुलेंस चंद्रा पाली क्लीनिक के नाम से रजिस्टर्ड है। 30 जनवरी 2019 को बीमा समाप्त हो चुका है।