गोरखपुर (ब्यूरो)।शनिवार को आयोजित होने वाली एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। तीन नवंबर को आयोजित होने वाली मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक में हरी झंडी मिलने के बाद इस बदलाव को लागू कर दिया जाएगा।
प्रैक्टिकल नॉलेज पर फोकस
चार साल के नए प्रोग्राम के तैयार प्रस्ताव में प्रैक्टिकल नॉलेज पर फोकस किया गया है। नए प्रोग्राम में इंटर्नशिप व रिसर्च प्रोजेक्ट की भूमिका बढ़ाई गई है। इस प्रोग्राम में मेजर, माइनर, को-करिकुलर और वोकेशनल कोर्सेज शामिल होंगे, जो स्टूडेंट्स को संपूर्ण शिक्षा और आवश्यक कौशल प्रदान करेंगे। चार-वर्षीय बीबीए प्रोग्राम में शैक्षणिक लचीलापन प्रदान किया जाएगा, जिससे स्टूडेंट्स बहु-विषयक पाठ्यक्रमों को पढ़ सकें और अपने ज्ञान का दायरा बढ़ा सकें। यूनिवर्सिटी प्रशासन का मानना है कि स्टूडेंट्स को इसका सीधा लाभ बेहतर रोजगार हासिल करने में मिलेगा। कैंपस प्लेसमेंट में उन्हें बेहतर सैलरी पैकेज मिल सकेगा।
पढ़ाई छूटी तो नहीं लौटेंगे खाली हाथ
बीबीए के लिए तैयार नए प्रोग्राम में मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट फार्मूला भी लागू होगा। इससे किसी वजह से बीच में पढ़ाई छोडऩे पर छात्र को खाली हाथ नहीं लौटना पड़ेगा। पहले वर्ष के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष के बाद डिप्लोमा, तीसरे वर्ष के बाद बीबीए की डिग्री मिलेगी। जो छात्र चार साल का प्रोग्राम पूरा करेगा, उसे शोध के साथ आनर्स की डिग्री मिलेगी। सात साल में लौट कर डिग्री पूरी करने का अवसर भी यूनिवर्सिटी की ओर से दिया जाएगा।
चार वर्षीय बीबीए का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसे वर्तमान सेशन से लागू करने की तैयारी है। प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए शनिवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा। प्रोग्राम को व्यावहारिक और रोजगारपरक बनाने पर यूनिवर्सिटी का जोर है, जिससे पाठ्क्रम पूरा होते ही छात्रों को बेहतर प्लसेमेंट मिल सके।
प्रो। जेपी सैनी, वीसी, एमएमएमयूटी