गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं, यात्री ट्रेन के इंतजार में एसी लाउंज में बैठे रहे। यही नहीं 11124 बरौनी-ग्वालियर ट्रेन 9.30 घंटे की देरी से आएगी। यह दोनों ट्रेनों के लेट होने से यात्री काफी परेशान रहे।
ट्रेन के इंतजार में बैठे रहे घंटों
बता दें, रेलवे प्रशासन का यह दावा रहता है कि ट्रेन पंक्चुअल टाइम पर चल रही है, लेकिन शुक्रवार को दो ट्रेनों के लेट होने से कई यात्री काफी परेशान दिखे। कानपुर से गोरखपुर आए रघुवीर प्रताप ने बताया, उनका रिजर्वेशन (22531) छपरा-मथुरा एक्सप्रेस के एसी कोच में था। उन्हें कानपुर लौटना था। ट्रेन के सुबह 8.20 बजे गोरखपुर आने का टाइम था और 8.30 बजे डिपार्चर, लेकिन जब स्पॉट योर टाइम और रेल इंक्वॉयरी आफिस से ट्रेन के लोकेशन की जानकारी ली तो पता चला कि ट्रेन का लोकेशन भटनी बता रहा था। जबकि इंक्वॉयरी आफिस के कर्मचारी उसे सीवान स्टेशन से रवाना होने की बात कह रहे थे। लेकिन ट्रेन के लेट आने से वह करीब 4.15 घंटे तक एसी लाउंज में बैठे इंतजार करते रहे। कमोबेश यही हाल सुप्रिया का रहा। सुप्रिया बताती हैैं कि उनके साथ दो छोटे-छोटे बच्चे हैैं। उन्हें मथुरा तक जाना था, लेकिन ट्रेन लेट होने से बच्चों को स्टेशन पर काफी दिक्कत हुई। उनका रिजर्वेशन स्लीपर कोच में था।
ट्रैक मरम्मत के कारण हो रही लेट
रेलवे कर्मचारियों की मानें तो बिहार की तरफ से आने वाली ट्रेनों के लेट होने के पीछे मुख्य वजह बिहार में टे्रन का डिरेल्ड होना और बीच में कई जगहों पर ट्रैक पर मरम्मत का कार्य चल रहा है। यही वजह है कि यह दोनों ट्रेनें लेट रहीं। हालांकि, कुछ ट्रेनों को डायवर्ट भी किया गया है। इस वजह से भी ट्रेन लेट हो रही हैैं। यह समस्या कुछ दिनों तक रहेगी।
रेलवे का दावा रहता है कि ट्रेनें समय से पहुंच रही हैैं। छपरा-मथुरा तीन घंटे लेट रही। मेरे बड़े भाई को ट्रेन पकडऩा था, लेकिन काफी देर तक स्टेशन पर ही इंतजार करना पड़ा।
अरुण पांडेय, अटेंडेंट
मेरे दोस्त को कानपुर जाना था, छपरा-मथुरा समय पर नहीं आई। इंक्वॉयरी आफिस में तैनात कर्मचारी भी सही समय नहीं बता रहे थे। काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। 11.30 बजे ट्रेन आई। उसके बाद मेरा दोस्त ट्रेन में बैठ सका।
आशीष कुमार, पैसेंजर
दो ट्रेन लेट हुई थीं। बिहार में हुई रेल दुर्घटना और कई और जगह पर ट्रैक मरम्मत की वजह से कुछ देरी से चली।
पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ एनई रेलवे