गोरखपुर (ब्यूरो)।झील तक पहुंचने के लिए बनी सड़क टूट कर गड्ढों में तब्दील हो गई है।

पहुंच मार्ग भी टूटा

बखिरा पक्षी विहार में पक्षियों की रखवाली व सैलानियों के जेटी तक पहुंचने के लिए कीचड़ व जलकुंभी के बीच से जाना पड़ेगा। जेटी तक जाने का रास्ता न होने से सैलासनियो को काफी दिक्कत होती है। इतना ही नहीं वहां तक जाने के किए जो रास्ता है। वह भी टूटा हुआ है, जिसपर लोगों का चलना दूभर है।

कभी रहती थी विदेशी पक्षियों की चहचहाट

बखिरा पक्षी विहार में अक्टूबर माह से लेकर फरवरी तक लेकर मेहमान पक्षियों का आना लगा रहता है। इस दौरान लालसर, टिकिया, पाईरीआदैस समेत तमात चिडिय़ा आती है।

पूर्वांचल की बन सकती है शान

दावा है कि खलीलाबाद-मेंहदावल मार्ग पर 29.2 वर्ग किलोमीटर में फैली बखिरा झील आने वाले दिनों पूर्वांचल की शान बनेगी। प्रदेश सरकार इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज चुकी है।

फैक्ट एंड फीगर

बखिरा झील का एरिया - 2894.21 हेक्टेयर

बखिरा को मिला पक्षी बिहार का दर्जा- 1990

बखिरा रामसर साइट में घोषित- 2021