- बिजली की फिजूलखर्ची को जागरूकता से ही रोका जा सकता है

- शहर को मिलने वाली बिजली में से डेली 45 प्रतिशत बिजली हो जाती है बरबाद

GORAKHPUR: रोटी, कपड़ा और मकान, अभी तक बुनियादी सुविधाओं में सिर्फ इनकी ही गिनती हुआ करती थी। मगर अब इसमें बिजली भी एक अलग जगह बना चुकी है। इसमें विभाग तो प्रॉपर सप्लाई देने की कोशिश करता है, लेकिन आजादी के 68 साल बीतने के बाद भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो बिजली तो पूरी कंज्यूम करते हैं, लेकिन बिल नहीं देते। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो खुद को इतना आजाद समझ चुके हैं कि चोरी से बिजली भी जलाते हैं, वहीं चेकिंग के दौरान विभाग से भी भिड़ जाते हैं। अब हमें यह शपथ लेने की जरूरत है कि न तो हम बिजली चोरी ही करेंगे और न ही किसी को चोरी करने देंगे।

हर घंटे 63 लाख वॉट बिजली बर्बाद कर रहा शहर

सिटी को रोशन करने के लिए जीएमसी ने 42 हजार प्वाइंट पर 70 वॉट की स्ट्रीट लाइट्स लगाई हैं। बिजली विभाग की मानें तो इसमें 15 सौ स्ट्रीट प्वाइंट दिन में भी जलते हैं। जेई प्रदीप दूबे का कहना है कि एक स्ट्रीट लाइट एक घंटा जलती है तो 70 यूनिट बिजली की खपत होती है। इस तरह अगर 1500 स्ट्रीट प्वाइंट जलाई जा रही हैं, ऐसे में 105000 यूनिट बिजली बरबाद हो रही है। हालत यह है कि 1500 स्ट्रीट लाइट्स प्वाइंट दिन में 5 से 6 घंटे तक जलते हैं। इस तरह सिर्फ स्ट्रीट प्वाइंट 63 लाख यूनिट बिजली दिन में खर्च कर देते हैं। वहीं दिन में सिटी को प्रति घंटा 50 लाख यूनिट बिजली की आवश्यकता होती है।

29 प्रतिशत है लाइन लॉस

तारों में लाइन लॉस- 12 प्रतिशत

बिजली चोरी- 8 प्रतिशत

ट्रांसफॉर्मर में लाइन लास- 5 प्रतिशत

सब स्टेशन पर लाइन लास- 4 प्रतिशत

अर्थिग कर बचा सकते हैं 5 परसेंट बिजली

शहर के लगभग 90 परसेंट कंज्यूमर्स के घरों में अर्थिग नहीं है। एसडीओ वाईके चतुर्वेदी का कहना है कि अर्थिग न होने से घरों में खतरा भी अधिक होता है। इसके साथ ही साथ इन घरों में बिजली भी ज्यादा बर्बाद होती है। बिजली विभाग से जुड़े सोर्सेज की मानें तो घर में अर्थिग न होने से एक माह में एक यूनिट बिजली खर्च होती है, पूरे महानगर में 1.43 लाख कंज्यूमर्स हैं। इस तरह देखें तो एक माह में 1.43 लाख यूनिट बिजली प्रति माह घरों में अर्थिग न होने के कारण बरबाद होती है। पूरे महानगर में बिजली सप्लाई करने के लिए 50 लाख यूनिट बिजली प्रति घंटा खपत होती है।

10 मिनट की बिजली दे सकती है 3 घंटे

महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह का कहना है कि सिटी में कुल 1.43 लाख कंज्यूमर्स है। यह 2 किलोवाट के कनेक्शन एक घंटे में 2 यूनिट बिजली खपत करते हैं। अगर 16 घंटे बिजली यूज करते हैं तो 32 यूनिट बिजली डेली खपत करते हैं। वहीं अगर व्यक्ति सिर्फ 10 मिनट बिजली बचाए, तो एक दिन में .3 यूनिट बिजली बचाएंगे। अगर यह इस तरह से 1.43 लाख कंज्यूमर्स डेली 10 मिनट बिजली बचाती है तो एक दिन में पूरे शहर में डेली 42900 यूनिट बिजली बचेगी। सिटी में डेली 50 लाख यूनिट प्रतिघंटे बिजली की खपत होती है। इस तरह देखें तो इस बिजली से लगभग 50 मिनट एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है।

घर में इंस्ट्रूमेंट पर होने वाली खपत

इंस्ट्रूमेंट - टाइम - खपत डेली - खपत मंथली

एसी 1.5 टन 7 घंटा 14 यूनिट 350 यूनिट

वाशिंग मशीन 2 घंटा 1 यूनिट एस पर यूसेज

टीवी 4 घंटा 1 यूनिट 25 यूनिट

फ्रिज 20 घंटा 7 यूनिट 140 यूनिट

3 पंखा 25 घंटा 3 यूनिट 90 यूनिट

4 बल्ब 4 घंटा 60 वाट 12 यूनिट

- एक्सपर्ट राय चंद्रशेखर सिंह रिटार्यड एसडीओ बिजली विभाग

इन चीजों पर रखें ध्यान तो नहीं आएगी परेशानी -

- घरों में सीएफएल बल्ब का यूज करें।

- लैंप और ट्यूब लाइट की धूल हटाते रहें, इससे सही रोशनी मिलेगी।

- फ्रिज को बार-बार न खोलें, इससे वोल्टेज पर असर पड़ता है।

- टीवी को बंद करने के साथ-साथ उसके मेन स्वीच को भी ऑफ करके रखें।

- घर के मोटर पंप का यूज टाइमली करें।

- घर या शॉप की वायरिंग करते वक्त ज्वाइंट्स कम रखें।

- अच्छी कंपनी के तार और स्विच का यूज करें।

- एसी को 19 डिग्री पर ही चलाएं।

- घरों में बल्व जलाकर न सोएं।

- दिन में घर की खिड़की खोलकर रहें, बल्व यूज न करें।

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दफ्तरों की बिजली भी घर को कर सकती है रोशन -

- ऑफिस से निकलते समय कंप्यूटर और चेंबर का बल्ब ऑफ कर दें।

- बाथरूम और वॉश रूम के बल्ब को जलाकर न छोड़ें।

- दिन में चेंबर से निकलते समय एसी, पंखा, बल्ब ऑफ करके ही जाएं।

- निगम अपने स्ट्रीट लाइट में टाइमर लगाए, जो सुबह होते ऑफ हो जाए।

- सप्लाई वाटर के मोटर का इस्तेमाल अच्छे तरीके से करें।