गोरखपुर (ब्यूरो)।बसों के दाग और छब्बे अभी पूरी तरह साफ भी नहीं हुए थे कि फिर से दिखने लगे हैं। बसों के अंदर भी गंदगी पसरी हुई है।
नहीं बच पा रहा है पानी
अधिक से अधिक बसों की धुलाई करने तथा पानी बचाने के उद्देश्य से परिवहन निगम ने बशारतपुर स्थित नए गोरखपुर डिपो वर्कशाप में ऑटोमेटिक बस वाशिंग प्लांट और वॉटर रिसाइकिलिंग प्लांट लगाया है। शासन के निर्देश पर जिस प्रयोजन से यह प्लांट स्थापित किया गया है, वह आज तक पूरा नहीं हो पाया। न बसों की समुचित धुलाई हो पा रही और न पानी ही बच पा रहा। जबकि, इस प्लांट के चलने से पानी नालियों में नहीं बहेगा। मानव संसाधन भी कम हो जाएंगे। जानकारों के अनुसार परिवहन निगम का यह महत्वाकांक्षी प्लांट फरवरी से ही चालू है। आरएम पीके तिवारी ने इसका उद्घाटन किया था। स्थिति यह है कि प्लांट सिस्टम को मुंह चिढ़ा रहा है। कर्मचारी प्लांट पर ही हाथ से बसों की धुलाई और सफाई कर रहे हैं। दिन भर में किसी तरह 15 से 20 बसों की धुलाई हो पा रही है।
यह हमारे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी कि प्लांट से बसों की धुलाई क्यों नहीं हो रही है। इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
- पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन