- एसबीआई के छह लाख एटीएम बंद होने के बाद फ्रॉडियर हुए एक्टिव
- फोन कॉल कर मांग रहे हैं पिन और डेबिट कार्ड की इंफॉर्मेशन
- बैंक की ऑरिजनल एसएमएस मिलने के बाद भी नहीं किया पासवर्ड चेंज तो ब्लॉक हो गया एटीएम
केस - 1
गगहा के बरईपार निवासी महताब को कॉल कर जालसाजों ने 22 हजार का चूना लगा दिया। गुरुवार को आए फोन में उसने खुद को बैंक का अधिकारी बताया। उसने अकाउंट नंबर का मिलान करने के बहाने उसका पासवर्ड ले लिया। जानकारी मिलने के 10 मिनट बाद ही महताब के अकाउंट से 22 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन कर दिया। मोबाइल पर मैसेज आने पर उसे जानकारी हुई।
केस - 2
जिला महिला अस्पताल की कर्मचारी ममता राव के पास 075460 नंबर से एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक का अधिकारी बताया और कहा कि देश के छह लाख एटीएम कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। नया कार्ड इश्यू करने के लिए पुराने कार्ड का नंबर व पासवर्ड बता दें। ममता ने बताया कि उनका कार्ड ब्लॉक नहीं है, तो वह गोलमोल कर एटीएम पिन मांगने की कोशिश करने लगा। जब दाल नहीं गली तो उधर से फोन काट दिया गया।
GORAKHPUR: यह दो केस तो महज एग्जाम्पल भर हैं। एटीएम कार्ड ब्लॉक होने का डर सिटी के लोगों के अंदर इस कदर बैठ गया है कि फोन आने पर लोग अपनी डीटेल्स डिसक्लोज कर दे रहे हैं। इससे फ्रॉडियर्स आसानी से अकाउंट से पैसे गायब करने में कामयाब हो जा रहे हैं। हैकिंग का डर बताते हुए एसबीआई ने पिछले दिनों 6 लाख एटीएम बंद कर दिए। फॉडियर्स ने इसका भी फायदा उठाना शुरू कर दिया है। हैकर्स और फ्रॉडियर्स एटीएम बंद किए जाने का डर दिखाकर कस्टमर्स से अकाउंट नंबर और बाकी डीटेल हासिल कर ले रहे हैं और उन्हें चूना लगा दे रहे हैं। इस तरह की कॉल से सावधान होने की जरूरत है क्योंकि नेशनलाइज बैंक यूजर डाटा के लिए कभी भी कॉल नहीं करता है। अगर कोई ऐसा कहता है तो वह श्योरली फ्रॉड है।
व्हाइट लेबल एटीएम से खतरा
एसबीआई से जुड़े एक अधिकारी की मानें तो इन दिनों हैकर्स के निशाने पर व्हाइट लेबल वाले एटीएम हैं। ये प्राइवेट कंपनियों के जरिए एलॉटेड एटीएम हैं। इनका उपयोग करने वाले अकाउंट होल्डर्स के डाटा ही चोरी हुए हैं। गोरखपुर मॉड्यूल में कई जगहों पर व्हाइट लेबल के एटीएम लगे हुए हैं। हैकर्स मैग्नेटिक एटीएम का इस्तेमाल करने वाले अकाउंट होल्डर्स का डाटा काफी आसानी से उड़ा ले रहे हैं। गोरखपुर माड्यूल में हैकरों ने कितने खाताधारकों का डाटा चोरी किया है, अभी इसकी डीटेल बैंक अधिकारियों के पास नहीं है। ऐहतियात के तौर पर, जिन खाताधारकों का डाटा चोरी होने का संदेह है, उन्हें बैंक द्वारा एसएमएस से सूचना भेजी जा रही है।
मालवेयर भी कर सकता है परेशान
एसबीआई के अधिकारियों की मानें तो एटीएम हैक हुए हैं या नहीं, अभी इस संबंध में कोई मेल या ऑफिशियल इंटीमेशन नहीं मिला है। फिलहाल सिक्योरिटी रीजंस की वजह से बैंक किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है, इस वजह से वह संदेहास्पद एटीएम कार्ड को ब्लॉक कर रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि कुछ एटीएम में मालवेयर डालकर हैकर एटीएम यूजर्स की सारी डीटेल हासिल कर ले रहे हैं और इसके बाद वह उनके अकाउंट से पैसे विदड्रा कर ले रहे हैं। एसबीआई ने काफी तादाद में अपने यूजर्स के कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं। जिन यूजर्स के डाटा हैक होने का संदेह है, उन्हें भी ब्लॉक कर दिया गया है।
बॉक्स -
एसएमएस आए तो बदल लें पिन
एक तरफ जहां फ्रॉडियर्स कॉल कर यूजर्स को ठगने में लगे हुए हैं, वहीं एसबीआई भी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहा है। हाल में ही हैकिंग की सूचना के बाद एसबीआई ने जिन यूजर्स के डाटा हैक होने का खतरा है, उन्हें एसएमएस के थ्रू अलर्ट किया है, पिन न बदलने वालों के अकाउंट ब्लॉक कर दिए गए हैं। इसकी भी सूचना उन्हें एसएमएस के थ्रू दी गई है। अगर आपके पास भी कोई ऐसा एसएमएस आता है, तो तत्काल अपनी ब्रांच में संपर्क कर एटीएम पिन चेंज करें या फिर बैंक से दूसरा एटीएम अलॉट करवा लें।
बरतें सावधानी
- किसी भी अंजान व्यक्ति को एटीएम का कार्ड नंबर और पासवर्ड न बताएं।
- बैंक अधिकारी अगर फोन करके आपकी अकाउंट डीटेल मांगता है तो कभी न दें, क्योंकि बैंक कंज्यूमर्स से डाटा नहीं मांगता।
- एटीएम का पासवर्ड हर दो माह में जरूर बदल दें।
- एटीएम यूज करते वक्त इस बात का ध्यान दें कि की-बोर्ड ठीक है, या उस पर कुछ लगा तो नहीं है।
- अगर आपका मैग्नेटिक कार्ड है, तो इसे बदलकर नया कार्ड बैंक से जारी कराएं।
- अगर आपके खाते से बैलेंस निकाला गया है, तो टोल फ्री नंबर पर फोन कर कार्ड ब्लॉक करवा दें।
- एटीएम यूज करते वक्त अगर वहां कोई मौजूद है, तो उसे बाहर कर दें, ऐसी कंडीशन में एटीएम पिन हैक होने का खतरा रहता है।
- सिर्फ अपने सिस्टम पर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें, अगर किसी दूसरे सेट पर मजबूरी में यूज करना पड़ जाए तो उसमें वर्चुअल की-बोर्ड यूज करें।
वर्जन
इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन में हैकिंग के खतरे रहते हैं। कुकीज का इस्तेमाल कर हैकर आपके डाटा हासिल कर सकता है। इसलिए जिस सिस्टम पर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें, उसके ब्राउजिंग डाटा क्लीयर कर दें। क्योंकि कंप्यूटर पर ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं, जिनके थ्रू सिस्टम में यूजर आईडी और पासवर्ड सेव हो जाते हैं। इसलिए सावधानी जरूरी है।
- डॉ। उदय शंकर, टेक एक्सपर्ट
एटीएम हैक होने से संबंधित कोई भी ऑफिशियल जानकारी हेडक्वार्टर से नहीं मिली है। न ही किस वजह से हैकिंग हो रही है, इसकी डीटेल है। सिक्योरिटी के मद्देनजर एसबीआई अपने उन यूजर्स के कार्ड ब्लॉक कर रहा है, जिनके डाटा लीक होने के चांसेज हैं।
राजेश कुमार चौधरी, एजीएम, एसबीआई