- नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ केंद्र, एक ही छत के नीचे महिलाओं को मिलेंगी कई सुविधाएं
- पांच गांव के प्रधानों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया
GORAKHPUR: आशा ज्योति केंद्र को प्रॉपर ढंग से संचालित करने के लिए शासन और प्रशासन से जो भी मदद की जरूरत होगी, वह कराई जाएगी। यह बातें कमिश्नर अनिल कुमार ने कहीं। वह राज्य महिला सशक्तिकरण मिशन के तहत बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बने रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केंद्र में बुधवार को ट्रेनिंग प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां जितने भी एंप्लाइज हैं, वह सिर्फ यही न रहकर अलग-अलग मीडियम से जो भी प्रकरण उन्हें मालूम होता है, ऐसे मामलों में वह मौके पर जाकर कार्रवाई करें।
सभी की करनी है मदद
इस दौरान कमिश्नर ने कहा कि हमें सभी की मदद करनी है। इसके लिए सभी लोग अपने पूरे मनोयोग से काम करें। इस मौके पर डीएम संध्या तिवारी ने कहा कि इस सेंटर को अच्छे से संचालित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। आशा ज्योति केंद्र के निरीक्षण निर्देशों का अनुपालन करते हुए क्षेत्र में जाकर पीडि़त महिलाओं की सहायता करनी होगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिल सके। डीएम ने कहा कि यह प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, इसको सफल बनाने के लिए हम सभी को भरपूर योगदान देना होगा।
दो फेज में होगी ट्रेनिंग
आशा ज्योति केंद्र के प्रॉपर संचालन के लिए सभी जिम्मेदारों को प्रशासन स्तर पर ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके पहले फेज में ऑर्गनाइज ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत बुधवार को हुई है, वहीं इसका समापन 30 दिसंबर को होगा। सेकेंड फेज की ट्रेनिंग 23 जनवरी से शुरू होकर 25 जनवरी तक चलेगी। फर्स्ट फेज की ट्रेनिंग में पांच महिला ग्राम प्रधानों को भी बुलाया गया है। इसमें बेलघाट के भरसी की धर्मशीला, बसूडीहा कौड़ीराम की डिंपल सिंह, जंगल सुहास रानी पिपरौली की प्रीति शाही, सूरस कैंपियरगंज की सुभावती और मुजौली पाली की रीना शामिल थीं।