- गोरखपुर के अरुणेंद्र को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार

GORAKHPUR : नारी सशक्तिकरण और नारी रक्षा अब ऐसा टॉपिक बन चुका है, जिसके बिना न तो सरकार की योजनाएं पूरी हैं और न ही समाजसेवी संस्थाओं के वादे। इन वादों और योजनाओं को सरकार ने भले न पूरा किया हो, मगर गोरखपुर के लाल ने ऐसे कई कारनामों को अंजाम तक पहुंचा दिया। एक हजार से अधिक महिलाओं को नई जिंदगी देकर उनके परिवार को इज्जत की रोटी दी। ऐसे गोरखपुर के लाल अरुणेंद्र पांडेय को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्व महिला दिवस के मौके पर 'स्त्री शक्ति पुरस्कार ख्0क्ब्' से सम्मानित किया। डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाले अरुणेंद्र महिलाओं को इस दलदल से बचाने के साथ उन्हें स्टेबलिश भी करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अरुणेंद्र को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने की सूचना से ही सिक्टौर चौराहा स्थित जूही इनक्लेव कॉलोनी में रहने वाले पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। भाई सुनील, पिता रिटायर स्क्वाडन रीडर सत्यदेव पांडेय समेत पूरा परिवार एक दूसरे को मिठाई खिला कर मुंह मीठा किया।

नई जिंदगी के साथ दे रहे इज्जत की रोटी

मूल रूप से तमकुहीराज के रहने वाले सत्यदेव पांडेय एयरफोर्स में तैनात थे। इस कारण सत्यदेव के ट्रांसफर के साथ ही बेटे अरुणेंद्र और सुनील की एजुकेशन भी विभिन्न शहरों से पूरी हुई। गोरखपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद अरुणेंद्र ने क्99फ्-9ब् में मुंबई से एमएसडब्ल्यू की पढ़ाई की। इसके बाद अरुणेंद्र ने लखनऊ स्थित एक प्राइवेट कंपनी में अस्सिटेंट पर्सनल मैनेजर के रूप में ज्वाइन कर लिया, मगर कुछ ही समय जॉब करने के बाद अरुणेंद्र गोवा चले गए और वेश्यावृत्ति में फंसी महिलाओं को बचाने के लिए लगातार प्रयास करने लगे। अरुणेंद्र ने लगातार प्रयास कर अब तक करीब एक हजार से अधिक महिलाओं को इस बदनाम धंधे से बाहर निकाला और उन्हें दोबारा नई जिंदगी दी। वेश्यावृत्ति से निकलने के बाद महिलाओं के सामने रहने और खाने की समस्या उत्पन्न हो गई। अरुणेंद्र ने इस समस्या को भी सॉल्व किया। उन्होंने एक फैक्ट्री डाली, जहां ऐसी महिलाओं को स्पेशल ट्रेनिंग देनी शुरू की, जिससे वे खुद अपने पैरों पर खड़ी हो सकी। अरुणेंद्र ने गोवा, बांबे, बंगलौर समेत कई शहरों से वेश्यावृत्ति में फंसी महिलाओं को बचाया। क्998 में अरुणेंद्र ने पुनर्वास योजना शुरू की। इस योजना को सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रदेश को लागू करने का आदेश दिया है। इससे पहले इस कार्य के लिए गोवा के गवर्नर ने ख्0क्ख् और गृह मंत्रालय ने ख्0क्ब् में सम्मानित किया था।