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- आग से दर्जनों किसानों की खड़ी हरी फसल झुलस गई
- तीन अज्ञात के खिलाफ किसानों ने दी थाने में तहरीर
GOLA/KAKARAHI:
गोला थाना क्षेत्र के डाड़ी गांव के पश्चिमी सिवान पर मंगलवार को दोपहर में अरहर के खेत में किसी ने आग लगा दी। आग ने 15 से 20 बीघे में लगी अरहर को अपनी चपेट में ले लिया। नीचे की घास और ऊपर लगे अरहर के दाने व पत्ती झुलस गए। बस डंठल ही बचा है। पीडि़त किसानों ने तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ गोला थाने में तहरीर दी है।
झुलस गई पूरी फसल
डाड़ी गांव के पश्चिमी सिवान पर कई किसानों ने अरहर की खेती कर रही है। अभी अरहर के दाने तैयार नहीं हुए हैं। पत्ते हरे हैं। खेत में नीचे घास है। कुछ किसानों ने घास को काटकर छोड़ दिया है जो सूख गई थी। किसानों का कहना है कि तीन संदिग्ध लोगों ने खेत में आग लगा दी। नीचे सूखी घास जलती हुई आगे बढ़ती चली गई और कई खेत इसकी चपेट में आ गए। इसी तरह फसल के ऊपर भी आग फैलती चली गई और दाने व पत्तियां झुलस गए। खेत में फसल अब भी खड़ी है लेकिन उसके दाने जल चुके हैं और फसल पीली पड़ चुकी है। किसानों का कहना है कि अब इससे पैदावार किसी चमत्कार से ही संभव है।
किसानों पर आफत
डाड़ी के प्रहलाद सिंह की एक बीघा, गंगा यादव की दो बीघा, बालकृष्ण यादव की एक बीघा, राजू यादव की एक बीघा, अशोक सिंह की 4 बीघा, चंद्रभान यादव की आधा बीघा, हरिश्चंद्र यादव की आधा बीघा में लगी फसल झुलस गई है। वहीं रामवृक्ष गुप्ता, मुहाली गुप्ता, फूलेली गुप्ता, छोटई गुप्ता, इद्रीश, सहमत अली, अजमत अली, छेदी सिंह आदि किसानों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
थाने में दी तहरीर
किसानों को मंगलवार की शाम में ही खेत में आग लगने की खबर मिल गई थी। रात में किसानों ने अपनी फसल का मुआयना भी किया था लेकिन तब क्षति का आकलन नहीं हो पाया था। बुधवार को सुबह जब किसान खेत में गए और फसल की हालत देखी तो लगा जैसे किसी ने उनके कलेजे पर पत्थर रख दिया हो। फसल में डंठल के सिवा कुछ नहीं बचा है। दाने अंदर ही अंदर झुलस गए हैं। पत्तियां जल गई हैं, जो बची हैं वे पीली पड़ गई हैं। खेत की नमी भी समाप्त हो गई है। इस संबंध में किसानों ने बुधवार को थाने में तहरीर देकर तीन अज्ञात लोगों पर आग लगाने का आरोप लगाया। मंगलवार को ये तीन संदिग्ध खेतों के आसपास दिखे थे जो कि बाहरी थे।
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ढाई लाख की फसल हुई कौडि़यों की
किसानों ने बताया कि प्रति बीघे अरहर की खेती में एक हजार रुपए खर्च होते हैं। इस तरह 20 बीघे की खेती में 20 हजार रुपए खर्च हुए हैं। मार्च में पैदावार तैयार हो जाना था। उस समय करीब 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल अरहर बिकती। वहीं प्रति बीघा करीब 2 क्विंटल की फसल मिलती है। इस तरह 20 बीघे से कुल 40 क्विंटल अरहर की पैदावार होती। जिसकी कीमत 2 लाख 40 हजार रुपए होती है। किसानों का कहना है कि अब मुनाफा तो दूर, उनकी लागत निकल जाए तो बहुत है।